भारत माता की जय… जब तक सूरज चाँद रहेगा सूरज तेरा नाम रहेगा, जैसे गगनचुंबी नारों के बीच उत्तराखंड के लाल अल्मोड़ा के सपूत सूरज सिंह का सोमवार को सैन्य सम्मान के साथ रामेश्वर घाट में अंतिम संस्कार किया गया। शहीद की शवयात्रा में सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे। हर किसी की आंखों में आंसू और पाकिस्तान के प्रति आक्रोश था। शहीद के चाचा ने शहीद की चीता को मुखाग्नि दी।
शहीद के शव के सिर्फ टुकड़े हुए थे बरामद-
जम्मू-कश्मीर के पलांवाला सेक्टर में शनिवार को एक विस्फोट के दौरान सूरज सिंह भाकुनी शहीद हो गए थे दरअसल, धमाके में सूरज के शरीर के चीथड़े उड़ गए थे और शरीर के कुछ अवशेष ही मिल सके थे, जिन्हें सेना के जवान बॉक्स में लेकर आए थे।
मां और बहनें बॉक्स खोलने और सूरज का चेहरा दिखाने की जिद कर रहीं थीं। उन्हें समझाना मुश्किल हो गया कि सूरज को देखना अब संभव नहीं है। पार्थिव शरीर को लेकर जब जवान घर पहुंचे तो मां सीता देवी कहने लगीं कि मेरे सूरज तू कहां चला गया। मां को उसकी मौत पर भरोसा नहीं हो रहा था। दोनों विवाहित बहिनों को भी रो-रो कर बुरा हाल था। भाई शादी में आने की बात कहकर गया था। छोटी बहिन भी बार-बार इसी बात को याद करके रो रही थी।
शहीद के लिए रोया पूरा गांव-
सोमवार को जैसे ही शहीद की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव लाया गया, वहां कोहराम मच गया। सूरज के अंतिम दर्शन को पूरा गांव उमड़ आया। हर किसी की आंखों में आंसू थे। वहां शायद ही ऐसा कोई होगा जिसकी आंखों में आँसू न होगा। शहीद की अर्थी को कंधा लगाने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा। ग्रामीणों ने इस दौरान पार्थिव शरीर पर पुष्प भी अर्पित किए। ')}