बीते साल 18 नवंबर 2021 को यूपी के मुख्यमंत्री योगी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के बीच रोडवेज के बंटवारे के रूप में उत्तराखंड को 205 करोड़ रुपये देने पर सहमति बनी थी। 105 करोड़ रुपये पहले ही मिल चुके हैं। उत्तराखंड में रोडवेज का गठन 2003 में हुआ था। इसके बाद से ही यूपी के साथ परिसंपत्तियों को लेकर विवाद चल रहा था।
बता दें कि उत्तराखंड रोडवेज काठगोदाम में आईएसबीटी, टनकपुर डिपो को सेंट्रल डिपो के रूप में विकसित करने जा रहा है। इसके साथ ही काशीपुर, रामनगर, हल्द्वानी, पौड़ी, श्रीनगर, हरिद्वार, रुड़की को आधुनिक डिपो बनाया जाएगा। दिल्ली रुट के लिए नई इलेक्ट्रिक बसों की खरीददारी को लेकर भी चर्चा चल रही है। उत्तराचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि सही मायने में यूपी के साथ उत्तराखंड की हिस्सेदारी 700 करोड़ रुपये से ज्यादा बनती थी। हाईकोर्ट ने भी इस बाबत आदेश दे दिए थे। लेकिन राज्य सरकार महज 205 करोड़ रुपये में ही सहमत हो गई। इससे रोडवेज को नुकसान हुआ है।