उत्तराखंड के लोग साल 2020 को कुछ-खट्टे, कुछ-मीठे अनुभवों के लिए याद रखेंगे। जब 2020 की शुरुआत हुई थी तब किसी ने भी यह नहीं सोचा था कि चीन से फैला कोरोनावायरस एक दिन उत्तराखंड तक पहुँच जाएगा और वह लोगों की जिंदगी ही बदल देगा। खैर अब ऐसी यादों को कौन याद रखना चाहेगा इसलिए हम आपको 2020 में उत्तराखंड सरकार द्वारा दी गई उन सौगातों के बारे में बताने जा रहे हैं जो उत्तराखंड के लोगों के लिए ख़ास रही, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में उत्तराखंड विकास को नई ऊंचाइयों को छूने की ओर अग्रसर है। साल 2020 में सरकार द्वारा उठाये गए कुछ महत्वपूर्ण फैसलों के बारे में आइये जानते हैं –
महत्वपूर्ण फैसले-
ग्रीष्म कालीन राजधानी
गैरसैैंण राज्य आंदोलन की मूल भावना थी। गैरसैंण प्रतीक है, समूचे पर्वतीय क्षेत्रों के विकास का। इसी भावना और सोच के साथ मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गैरसैंण-भराड़ीसैंण को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया। इस वर्ष 4 मार्च को मुख्यमंत्री ने गैरसैंण-भराड़ीसैंण में आयेाजित बजट सत्र के दौरान उत्तराखण्डवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए गैरसैण-भराड़ीसैंण को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गैरसैंण को विश्व की सबसे सुन्दर राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने के प्रति मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र की गम्भीरता इसी बात से पता चलती है कि 4 मार्च को घोषणा की गई और 8 जून को बाकायदा अधिसूचना जारी कर दी गई। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में नया इतिहास रचा गया।
गैरसैण में बनेगा सचिवालय, चाय बोर्ड का मुख्यालय बनाया-
राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 240 करोड़ की महत्वपूर्ण योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। यहां सचिवालय का शिलान्यास किया जा चुका है। पेयजल योजना पर काम चल रहा है। गैरसैण में फाईलों को बड़े पैमाने पर ले जाने की आवश्यकता न पड़े, इसके लिए आईटी का उपयोग करते हुए ई-विधानसभा पर काम किया जा रहा है। बेनीताल में एस्ट्रोविलेज बनाया जाएगा। सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी। सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है। हैलीपेड बनाया जा रहा है। चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय गैरसैंण में बनाया जाएगा।
चार धाम देवस्थानम बोर्ड का विधिवत गठन–
राज्य गठन के बाद किया गया सबसे बड़ा साहसिक और ऐतिहासिक फैसला है, देवस्थानम बोर्ड बनाना। 15 जनवरी 2020 को विधिवत रूप से ‘उत्तराखण्ड चार धाम देवस्थानम बोर्ड’ का गठन किया गया। ऑल वेदर रोड़ और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना बनने के बाद 2025 तक चारधाम यात्रा पर 1 करोड़ के करीब श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रबंध और व्यवस्थाएं भी उतने ही बड़े स्तर पर करनी होंगी और व्यवस्थाओं की जिम्मेवारी राज्य सरकार की है। ऐसे में देवस्थानम बोर्ड इस कार्य के लिए राज्यहित में बड़ा निर्णय रहा।
डोबरा चांठी, जानकी सेतु पुल का तोहफा-
राजनीतिक नेतृत्व की दृढता व इच्छा शक्ति से किस तरह से सालों से अधर में लटके काम समय बद्धता से पूरे किए जा सकते हैं, डोबरा चांठी पुल इसका बड़ा प्रमाण है। आज डोबरा चांठी पुल का निर्माण कार्य पूरा होने से 3 लाख से ज्यादा की आबादी लाभान्वित हो रही है। इसी प्रकार मुनि की रेती, ऋषिकेश में 48 करोड़ की लागत से बने 346 मीटर लम्बे जानकी सेतु को भी लोकार्पित किया जा चुका है।
सूर्यधार झील का तोहफा-
देहरादून में सूर्यधार झील लोकार्पित की जा चुकी है। सौंग बांध परियोजना को पर्यावरणीय स्वीकृति मिल चुकी है। इससे देहरादून शहर व आसपास के क्षेत्रों की वर्ष 2050 तक की अनुमानित आबादी को ग्रेविटी आधारित पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
इन फैसलों से मिला संभल-
- कोविड काल में चार-धाम यात्रा का सफल संचालन
- तीन लाख कर्मचारियों के लिए अटल आयुष्मान योजना का लाभ
- कोरोनाकाल में 476 डाक्टरों की नियुक्ति
- हेल्थ सिस्टम को मजबूती और कोरोना से जंग
- मुख्यमंत्री स्वरोजगरार योजना का शुभारम्भ
- रूरल ग्रोथ सेंटर स्थापित करने की योजना पर काम शुरू
- महिलाओं को भूमिधरी का अधिकार
- प्रशासनिक कामकाज के लिए ई-कैबिनेट व ई-ऑफिस की शुरुआत
- हर की पैड़ी पर अविरल गंगा का दर्जा बनाए रखने का फैसला
- किसानों को 3 लाख तक बिना व्याज ऋण देने की दीन दयाल सहकारिता योजना का प्रारम्भ
- मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना
- केवल 1 रूपए में ग्रामीण घरों में पानी का कनेक्शन
- ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा, पिरूल से विद्युत उत्पादन
- प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को वाई-फाई से जोड़ने की शुरूआत
इस वर्ष ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में भी तेजी आई है। न्यू ऋषिकेश रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया गया है। उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ में बी.आर.ओ द्वारा निर्मित 08 पुलों का लोकार्पण किया गया। इन सभी पुलों का सामरिक दृष्टि से तो महत्व है ही, स्थानीय लोगों को भी इसका बहुत लाभ मिलेगा। पिथौरागढ़ में इन पुलों की लम्बे समय से मांग थी। है। प्रधानमंत्री जी ने नमामि गंगे के अंतर्गत उत्तराखण्ड में 521 करोड़ रूपये की परियोजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं के शुरू होने से उत्तराखण्ड से अब प्रतिदिन 15.2 करोड़ लीटर दूषित पानी गंगा नदी में नहीं बहेगा। उत्तराखण्ड में नमामि गंगे के अंतर्गत लगभग सभी प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं। केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रहे कई योजनाएं राज्य में चल रही हैं उन सभी कार्य प्रगति पर हैं।