प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल जीवन मिशन में बेहतर परफोरमेंस के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की सराहना की। नमामि गंगे के अंतर्गत उत्तराखण्ड में 521 करोड़ की परियोजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन में 2024 तक देश के हर घर को नल से जल उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है।
उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और उनकी टीम एक कदम और आगे बढ़ी है। वे केवल 1 रूपए में पानी का कनेक्शन दे रहे हैं। उत्तराखण्ड में केंद्र के लक्ष्य से भी कम समय में 2022 तक हर घर तक नल से जल देने का लक्ष्य लिया गया है।
कोरोना जैसी विषम परिस्थितियों में भी पिछले 4-5 माह में उत्तराखण्ड में 50 हजार परिवारों को पानी का कनेक्शन दिया गया है। यह मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और उनकी सरकार के कमिटमेंट को बताता है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के चिन्हित 16 नगरों हेतु स्वीकृत 19 योजनाओं में से 15 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। शेष कुम्भ से पहले पूरी हो जाएंगी। प्राथमिकता के इन नगरों में चिन्हित किए गए 135 नालों में से 128 टैप किए गए हैं शेष को कुम्भ से पहले टैप कर लिया जाएगा।
गंगा किनारे उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न स्थानों पर 21 स्नान घाटों जिसमें भव्य चंडी घाट भी शामिल है और 23 मोक्षधामों का निर्माण किया गया है। गंगा नदी के कैचमेंट एरिया में जो कार्य कराए गए हैं, उनका लाभ आने वाले समय में अवश्य मिलेगा। गंगा के दोनों किनारों पर 5 से 7 किलोमीटर के क्षेत्र में जैविक खेती को विकसित करते हुए स्थाई कृषि प्रथाओं को भी नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
नमामि गंगे कार्यक्रम में निर्मित एसटीपी से निकलने वाले शोधित जल को भी कृषकों को सिंचाई हेतु उपलब्ध कराया जा रहा है। गंगा जी की निर्मलता और अविरलता के लिए प्रधानमंत्री जी के भगीरथ प्रयासों के परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। यहां तक की गंगा मे डाल्फिन और महाशिर मछलियां भी पुनः दिखने लगी हैं। गंगा के किनारे आर्गेनिक खेती व औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है।