राज्य में स्कूल खोलने को लेकर अभिभावक मुखर दिख रहे हैं। ज्यादातर अभिभावक स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं हैं।
बच्चों के माता-पिता का कहना है कि जब तक कोविड-19 का टीका उपलब्ध नहीं होता तब तक बच्चों को स्कूलों में भेजना सुरक्षित नहीं है।
इस सम्बन्ध में, कई अभिभावकों ने राज्य के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे को एक पत्र भेजा है जिसमें उन्होंने स्कूलों को फिर से खोलने के फैसले का विरोध किया है। नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) द्वारा बताया गया कि अगर स्कूल में बच्चे कोविड-19 से संक्रमित हो जाते हैं तो इसकी जिम्मेदारी लेने के लिए कोई तैयार नहीं हैं। यूरोप में भी हजारों छात्र स्कूल खुलने के बाद वायरस संक्रमित हो गए थे अंततः वहां स्कूलों को फिर से बंद करना पड़ा।
राज्य में स्कूलों को खोलने आवश्यकता पर प्राइवेट स्कूलों ने जोर दिया है और कहा है कि कुछ विषयों को ऑनलाइन नहीं पढ़ाया जा सकता है। वे स्कूल में प्रत्येक दिन दो से अधिक कक्षाओं के छात्रों को बुलाकर चरणबद्ध तरीके से फिर से क्लास चलाने के लिए तैयार हैं । हालांकि, उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर छात्रों को कोविड-19 सकारात्मक पाया जाता है, तो उसके लिए स्कूल प्रबंधन को जिम्मेदार नहीं माना जाना चाहिए।
उत्तराखंड: स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं अभिभावक
Leave a comment
Leave a comment