शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में पेयजल टेरिफ पुनरीक्षण से सम्बन्धित बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने ने प्रदेश में पेयजल टेरिफ पुनरीक्षण के लिये नगर विकास मंत्री मदन कौशिक एंव उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डा0 धन सिंह रावत की समिति गठित करने के निर्देश दिये हैं।
समिति इस प्रकरण में विस्तृत रूप से तथ्यो का आकलन कर शीघ्र अपनी संस्तुति मुख्यमंत्री को उपलब्ध करायेगी, इसके पश्चात् इस सम्बन्ध में नीतिगत निर्णय लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल मूल्य एवं सीवर अनुरक्षण दरों हेतु वर्तमान में लागू टेरिफ दरों की जटिलता का सरलीकरण किया जाना जरूरी है।
इसके लिये उन्होंने नगर विकास एवं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री को इस सम्बन्ध में सभी तथ्यों का आकलन कर अपनी संस्तुति देने को कहा है। बैठक में जल के अनाधिकृत प्रयोग को रोकने की दृष्टि से, बोरिंग कर भूजल के माध्यम से अथवा अन्य जल संयोजनों से पेयजल प्राप्त करने वाले उपयोगकर्ताओं से वार्षिक जलकर लिये जाने, जहां सीवर सम्बन्धी व्यवस्था संचालित हो और किसी भवन/प्रतिष्ठान द्वारा सीवर संयोजन नहीं लिया जा रहा है, ऐसे भवन/प्रतिष्ठानों से भवन के वार्षिक मूल्याकन के आधार पर वार्षिक सीवर कर लिये जाने के साथ ही भूजल एंव सतही जल के दोहन के दुरूपयोग को रोकने के दृष्टिगत किराये के टेंकरों से जलापूर्ति के लिये पंजीकरण की व्यवस्था किये जाने पर भी चर्चा की गई।
बैठक में नगर विकास मंत्री मदन कौशिक, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डा0 धन सिंह रावत, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव पेयजल नितेश झा, विशेष सचिव मुख्यमंत्री डा0 पराग मधुकर धकाते के साथ ही पेयजल विभाग के विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे।