जहाँ आजकल लोग अपनी शादी का कार्ड अंग्रेजी में छपवाने पर गर्व करते थे। वही दूसरी तरफ हमारी भाषा गढ़वाली-कुमाउनी की मधुरता लोग भूलते जा रहे हैं। ऐसे समय में कुछ युवाओं ने इस ट्रेंड को बदलना शुरू कर दिया है और वह अपना शादी का कार्ड अपनी लोकल भाषा में छपवाने लगे हैं।
दरअसल, सोशल मीडिया में एक शादी का कार्ड वायरल हो रहा है जो कि पूरी तरह से गढ़वाली बोली में छपवाया गया है, जो सोशल मीडिया पर खूब प्रशंसा बटोर रहा है। इस सराहनीय पहल के पीछे हाथ है उत्तरकाशी के क्यारी गांव के गणेश पंवार जी का। गणेश की शादी अप्रैल में है और उन्होंने अपनी शादी का कार्ड शुद्ध गढ़वाली बोली में छपवाया है।
गणेश ने इस पहल से संस्कृति और बोली को बचाने की केवल बड़ी-बड़ी बातें करने वालों के लिए भी एक सन्देश दिया है वही, आने वाली पीड़ी के लिए उन्होंने मिसाल पेश की है। गणेश ने बताया कि उन्हें अपनी बोली, अपनी भाषा को इस्तेमाल करने में कोई शर्म नहीं है। अपितु हमें तो गर्व होना चाहिए कि हम इस देवभूमि की कोख में पैदा हुए हैं।
गणेश ने बताया कि उन्हें अपनी संस्कृति से उन्हें बेहद प्यार है। उन्होंने लोकभाषा को बढ़ावा देने के लिए गढ़वाली में गीत भी गाये हैं। यानी वे लोकगायक की भूमिका में भी काम कर चुके हैं। आने वाले वक्त में अन्य लोग भी अपनी भाषाओँ में शादी का कार्ड छ्पवा कर भाषा को बचाने में अपनी भूमिका का निर्वाह करेंगे, इसलिए मैं सभी को एक अच्छा मेसेज भेजने का प्रयास कर रहा हूँ।
अब आप भी शादी का ये पूरा कार्ड एक बार देख लीजिए-