मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक खत्म हो गई है। कैबिनेट की बैठक में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, रेखा आर्य, धन सिंह, सुबोध उनियाल, सतपाल महाराज, गणेश जोशी, यशपाल आर्य और अरविंद पांडेय शामिल रहे। वहीं, कैबिनेट के सम्मुख 21 प्रस्ताव आये, जिसमे से 20 प्रस्तावों पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है।
इन प्रस्तावों पर कैबिनेट में लगी मुहर-
- बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के मास्टर प्लान के लिए पीएमसी के गठन का लिया गया निर्णय।
- लेखा ऑडिट संबंधित मामले को डिफर किया गया है।
- बंगाली समुदाय के लोगों के जाति प्रमाण पत्र में पूर्वी पाकिस्तान शब्द का प्रयोग जाता था। जिसको अब हटा दिया गया है। उत्तरप्रदेश की तर्ज पर लिया गया है निर्णय।
- डेरी विकास अधीनस्थ सेवा का किया गया गठन।
- बद्रीनाथ में फेस वन के तहत होने वाले कार्य के लिए 9 सरकारी कार्यालय प्रभावित हो रहे हैं जिसके ध्वस्तीकरण करने का मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है।
- उत्तराखंड नगर निकाय प्राधिकरण के अतिक्रमण के लिए लिए गए फैसले को अब 6 सालों तक बढ़ाया गया।
- राजकीय नर्सिंग विद्यालय, बाजपुर में 70 पदों को सृजित किए जाने पर मंत्रिमंडल ने लगाई मुहर।
- हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन करते हुए महाराणा अग्रसेन हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय करने का निर्णय लिया है।
- विश्वविद्यालय में मौजूद 4 तरह के अस्थाई अध्यापकों के सभी को ₹35000 देने का निर्णय।
- सिंचाई विभाग में मेंट को समूह ग सेवा नियमावली में सम्मिलित किया गया।
- फ्लोटिंग सोलर पावर यूनिट को स्थापित करने का लिया गया निर्णय।
- उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग में समीक्षा अधिकारी और वैक्त्विक सहायक सम्मिलन सेवा नियमावली को मंजूरी।
- जोशीमठ में बनने वाले एसटीपी प्लांट के निर्माण के लिए जमीन खरीदने की मिली मंजूरी।
- 2021-22 में आवंटित 622 शराब की दुकानों में से 25 शराब की दुकानों का आवंटन नहीं हो पाया था। जिसके लिए अधिभार को 50 फीसदी कर दिया गया है।
- विद्युत अधिनियम नियमावली में किया गया संशोधन।
- कोविड की वजह से उपजी स्थितियो को देखते हुए 16 करोड़ 17 लाख रुपये देने का निर्णय लिया है।
- विधवा पेंशन पात्र महिलाओं की बेटियों की शादी के लिए सहायता राशि देने के लिए, क्राइटेरिया सालाना आय को 15000 से बढ़ाकर 48000 कर दिया गया है।
- उत्तराखंड जीएसटी को पुनर्स्थापित करने का लिया गया निर्णय।
- वाणिज्य विवादों के लिए कमर्शियल बोर्ड को कुमाऊं मंडल के हल्द्वानी में स्थापित करने का लिया गया निर्णय। जिसके लिए 9 पदों का किया गया सृजन