उत्तराखंड अपने 18 जन्म दिवस मानाने जा रहा है, 9 नवम्बर उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस है। उत्तराखंड राज्य प्रगति के पथ तेजी से आगे बढ़ रहा है, यदि पलायन, स्वास्थ्य और रोजगार को दरकिनार करें तो उत्तराखंड ने हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति की है। सामाजिक, राजनीतिक, खेल और शिक्षा क्षेत्र में राज्य ने काफी प्रगति की है।
केरल, हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु के बाद उत्तराखंड ने सामाजिक प्रगति सूचकांक में देश में चौथा स्थान हासिल किया है। सामाजिक प्रगति की रफ़्तार में राज्य ने पंजाब, दिल्ली, कर्नाटक, हरियाणा और गुजरात जैसे राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है।
हालाँकि कई क्षेत्र में स्थिति जस की तस बनी है। लम्बे संघर्ष के बाद मिले अलग राज्य उत्तराखंड को आज भी कई क्षेत्रों में आगे बढ़ने की जरूरत है। राजनीतिक असंतुलन के चलते उत्तराखंड में उम्मीद से कम विकास हुआ है। लेकिन अभी भी यहां के युवा आज उत्तराखंड की ताकत बन सकते हैं। हमें एक नया उत्तराखंड बनाने की मुहीम चलानी होगी।
देवभूमि में अनेकों खूबियाँ हैं उत्तराखंड जिसने देश को वीर जवान दिये। जहां सूरज की पहली किरण चांदी विखेरती है। जहाँ भगवान शिव की सुसराल है। जहाँ गणेश भगवान का जन्म हुआ। जहाँ सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी गुरूद्वरा है।
जहाँ के राजा माधव सिंह भण्डारी से लड़ने की हिम्मत सिकंदर को भी नहीं हुई! जहाँ की बाल मिठाई पूरी दुनियां में अंतरराष्ट्रीय बाल मिठाई के नाम से प्रसिद्ध है! जहाँ जीवन दायनी गंगा जी का जन्म हुआ। जहाँ भिखारी कभी नहीं मिलेंगे क्योंकि यहां के लोग मेहनत करते हैँ।जहाँ आज भी दिलो में प्रेम बसता है।
जहाँ आज भी भूखे रह के अतिथि को खिलाने की रवायत है। जहाँ 33 करोड़ देवी देवताओं का निवास है। विकास को आगे बढ़ाने के लिए असीम संभावनाएं हैं। लेकिन सरकार को अपने काम में तेजी लानी होगी। ')}