रुद्रप्रयाग जिले की दो युवतियों ने पलायन को रोकने और अपनी जमीन से जुड़े रहने के लिए नायाब तरीका ढूंढ निकाला है, गांव में ही रोजगार का रास्ता ढूँढ दोनों इलायची की खेती कर रही हैं, जिससे उन्हें काफी मुनाफ़ा हो रहा है, जनपद के रानीगढ़ पट्टी क्षेत्र के कोट-मल्ला गांव की ये युवतियां मनीषा और सुमन हैं, दोनों ने बड़ी इलायची की नायब तरीके से खेती कर लोगों का इस और ध्यान आकर्षित किया है।
आपको बता दें कि मनीषा ने एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से इंग्लिश में एमए किया है और सुमन बीकॉम की छात्रा हैं। इन दोनों ने मिलकर गांववालों के लिए एक नई मिसाल कायम की है। इस खेती के पीछे का मकसद जान आप भी हैरान रह जाओगे गांव में गेहूं और दाल की खेती को जानवर बर्बाद कर देते हैं वहीं इलायची को वो मुंह भी नही लगाते, इस लिहाज से यह खेती काफी कारगर साबित हो रही है।
अपने ही गांव में मनीषा और सुमन दोनों ने मिलकर लगभग दस नाली की भूमि में इलायची की खेती शुरू की और इससे उन्हें काफी फायदा भी हो रहा है। वो इस इलायची को मार्किट में उच्च दाम पर बेच रहे हैं, इलायची की कीमत लोकल बाजार में 1500 रुपये प्रति किलो है। मनीषा और सुमन के साथ ही युवा कृषक लक्ष्मण सिंह चौधरी भी बड़ी इलायची की खेती कर रहे हैं।
पर्यावरणविद् जगत सिंह चौधरी का कहना है कि गांव से हो रहे पलायन को रोकने के लिए गांव में तकनीकी तरीके से खेती करनी होगी। उन्होंने कहा कि पॉलीटेक्निक करने वाले बच्चों को गांव में तकनीकी रूप से खेती के रास्ते ढूढ़ने होते हैं। जिस तरह से गांव के युवा बच्चों ने अपने गांव में रहकर बड़ी इलायची की खेती का विचार किया और इस पर मेहनत की, ऐसे ही सभी को अपनी जन्मभूमि में रहकर आर्थिक पहलुओं पर सोचना चाहिए और काम करना चाहिए। इससे ना सिर्फ पलायन रुकेगा, बल्कि राज्य भी मजबूत होगा। ')}