उत्तराखंड के एक और वीर सपूत ने मां भारती के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। उत्तराखंड का एक लाल हल्द्वानी के ओखलकांडा निवासी योगेश परगाई बुधवार को नागालैंड में नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में शहीद हो गए। शहीद 4 कुमाऊं रैजिमेंट में तैनात थे। 2014 में 12 वीं पास करने के बाद सीधे सेना में भर्ती हुए थे।
इस घटना के बारे में उनके परिवार को गुरुवार सुबह पता लगा। इस खबर के सामने आने के बाद हल्द्वानी शहर में कोहराम मच गया है। उनके परिवार में सभी का रो रो कर बुरा हाल है योगेश अपनी परिवार में सबसे छोटा था, इसलिए वो परिवार में सबसे लाडले भी थे। पिता की सालों पहले गुजरने के बाद मां अपने बेटों को काबिल बनाया था लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। योगेश ने मात्र 22 साल की उम्र में देश के लिए यह बलिदान दिया। पिछले कुछ वक्त से बॉर्डर में आंतकियों औक नक्सलियों की हलचल काफी बड़ी है।
उत्तराखंड के लिए यह महिना चार जवानों की शहादत की दुखद खबर दे चूका है, इन हालिया शहादतों में 21 वर्षीय ऋषिकेश निवासी विकास गुरुंग और 22 वर्षीय हल्द्वानी निवासी योगेश परगाई की शहादत बताती है कि इन युवाओं ने अभी दुनिया देखी ही कहां थी, उससे पहले शहादत के नाम पर उनके जीवन को छीन लिया गया। शहीद तो शहीद हो गया, उनके परिवार के लिए यह कितना बड़ा दंश दे गए, यह परिवार ही समझ सकता है। ')}