देहरादून निवासी मेजर चित्रेश सिंह कश्मीर के राजौरी में आईईडी धमाके में शहीद हो गए। मेजर चित्रेश भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से वर्ष 2010 में पासआउट हुए थे। वर्तमान में वह सेना की इंजीनियरिंग कोर में थे। उनकी शहादत की सूचना मिलते ही परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है।
गमगीन परिवार को ढांढस बंधाने के लिए उनके घर पर लोगों का तांता लगा हुआ है। मेजर चित्रेश का परिवार राजधानी के नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में रहता है। मूल रूप से एसएस बिष्ट रानीखेत के पीपली गांव के रहने वाले हैं।
परिवार के लोगों ने बताया कि मेजर चित्रेश की 7 मार्च को शादी होने वाली थी। इसके लिए शादी के निमंत्रण पत्र भी बंट चुके थे। शनिवार को भी एसएस बिष्ट अपने पैतृक गांव शादी के कार्ड बांटने गए थे। वहां से लौटकर आए तो शाम करीब साढ़े पांच बजे एसएस बिष्ट के फोन पर मेजर चित्रेश के साथी ने उन्हें चित्रेश के शहीद होने की खबर बताई। जिसके बार वो फूट-फूट कर रो पड़े, पूरा परिवार खबर सुनकर सदमे में है।
देहरादून में निशाने पर कश्मीरी छात्र सुरक्षा के लिए आगे आया सीआरपीएफ-
राजधानी देहरादून में पढ़ रहे कुछ कश्मीरी युवकों ने आरोप लगाया है कि उनके मकान मालिक पुलवामा हमले के बाद अपने घरों पर हमले की आशंका में उनसे मकान खाली करने को कह रहे हैं और उन्हे परेशान किया जा रहा है। सीआरपीएफ मददगार नाम के ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कुछ नंबर जारी किए गए हैं जिन पर कश्मीरी छात्र मदद मांग रहे हैं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि ऐसी खबरे हैं कि जम्मू कश्मीर के विद्यार्थियों और अन्य लोगों को धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने कहा, ‘अतएव, गृह मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा के लिए सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को आज परामर्श जारी किया। ’ पुलवामा हमले के बाद कथित रूप से निशाने पर आए कश्मीरी छात्रों और लोगों की सुरक्षा को लेकर हर संभव उपाय करने का आश्वासन दिए जाने के कुछ घंटों बाद यह परार्मश जारी किया गया है।
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