उत्तराखंड के लिए एक अच्छी खबर है। चमोली जिले के सीमांत गांव माणा को केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के तहत स्वच्छ आईकॉनिक स्थल के रूप में चुना है। भारत-चीन (तिब्बत) सीमा पर स्थित माणा गांव सांस्कृतिक महत्ता के साथ ही कुछ अनूठी परंपराओं के लिए भी जाना जाता है। पिछले कुछ समय से गांव को स्वच्छ आइकॉनिक स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।
गांव में नामानि गंगे के तहत कई कार्य होने के साथ साफ़ सफाई के लिए जरूरी कदम उठाये गए। यही वजह थी कि गांव को यह सम्मान मिला, स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के तहत नमामि गंगे कार्यक्रम में कार्य कर रहे पांच राज्य अवॉर्ड की विभिन्न श्रेणियों के लिए दावेदार थे। जिसमे उत्तराखंड ने सात अवार्ड पर कब्ज़ा कर लिया, उत्तराखंड ने प्रत्येक श्रेणी में बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
इसके तहत प्रदेश ने श्रेष्ठ राज्य, स्वच्छ आईकॉनिक स्थल, श्रेष्ठ जनपद, श्रेष्ठ गंगा ग्राम, श्रेष्ठ नामामि गंगे ग्राम, महिला चैंपियन, समर इंटर्नशिप 2019 जैसे पुरुस्कार जीते। स्वच्छ आईकॉनिक स्थल में चमोली जिले के माणा गांव और श्रेष्ठ गंगा ग्राम के रूप में उत्तरकाशी का बगोरी गांव को चुना गया। उत्तरकाशी को श्रेष्ट नमामि गंगे जिला होने का गौरव प्राप्त हुआ है।
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