उत्तराखंड में वन्य जीवों के साथ संघर्ष में मानव क्षति होने पर चार मुआवजा दिया जायेगा। वन विभाग ने मुआवजे के लिए नई गाइडलाइन भी जारी कर दी है। अभी तक यह मुआवजा तीन लाख रुपये दिया जाता था, पर अब इसमें एक लाख की बढ़ोतरी कर इसे चार लाख रूपये कर दिया गया है।
वन विभाग मनुष्यों से वन्य जीवों के टकराव को कम करने के लिए कई उपायों पर भी काम चल रहा है। बता दें कि उत्तराखंड में बाघ और हाथी जैसे वन्य जीवों के संख्या में लगातार इजाफा हुआ है जो कि बेहद सुखद खबर है लेकिन मानव का वन्य जीवों के बीच संघर्ष को कम करना बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है।
उत्तराखंड में गुलदार, भालू, हाथी सांप जैसे जंगली जानवरों की अधिकता होने के चलते संघर्ष की घटनाएं होने की संभावना अधिक बनी रहती है यदि कोई व्यक्ति बाघ, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, जंगली हाथी, सुअर, भालू, लकड़बग्घा, जंगली मगरमच्छ, घडियाल, सांप के आक्रमण से मृत्यु, घायल या विकलांग हो जाता है तो वे या उनके परिजन मुआवजे के लिए आवेदन कर सकते हैं।
मानव क्षति में मुआवजा-
साधारण रूप से घायल- 15,000
गंभीर रूप से घायल- 50,000
आंशिक रूप से अपंग- 1,00,000
पूर्ण रूप से अपंग- 2,00,000
मृत्यु होने पर- 4,00,000
पशु क्षति पर मुआवजा-
गाय, भैंस- 30000,
घोड़ा, खच्चर- 40000,
बैल- 25,000,
बछड़ी बछड़ा- 16,000,
बकरी,भेड़- 3000