देहरादून: जिलाधिकारी सोनिका के निर्देशों के क्रम में मुख्य विकास अधिकारी सुश्री झरना कमठान की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार कलेक्ट्रेट में सड़कों पर बच्चों की स्थिति एवं उनके पुर्नवास सहित भिक्षावृति/कूड़ा बिनने/बालश्रम/बाल विवाह के उन्नमूलन तथा रेसक्यू/पुर्नवास के संबंध में बैठक आयोजित की गई।
मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिए कि जिला टास्क फोर्स द्वारा रेसक्यू किए गए बच्चों के पुर्नवास हेतु प्रभावी कदम उठाए जाए। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं ई-डिस्ट्रिक मैनेजर को निर्देशित किया कि रेसक्यू किए जा रहे बच्चों के आधार कार्ड बनवाने, बच्चों को विद्यालय/शिक्षा विभाग के छात्रावास/बालग्रह से जोड़ने हेतु सहायता करने एवं बच्चों के मैडिकल, राशन कार्ड आदि बनवाने के भी निर्देश दिए।
साथ ही बच्चों को आरटीई एक्ट के तहत विद्यालयों में प्रवेश दिलाने के साथ ही विभागों में संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने श्रम विभाग को निर्देशित किया कि जनपद में बाल श्रमिकों का डेटा एकत्रित किया जाए तथा बालश्रम कराने वालों पर कार्यवाही अमल में लाई जाए।
उन्होंने जिला बाल सरक्षण ईकाई को निर्देशित किया कि विद्यालयों/मलीन बस्तियों में जन जागरूकता अभियान चलाते हुए विभिन्न विभागों में संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ ऐसे बच्चों को दिलाया जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन 82 बच्चों को बालश्रम में रेस्क्यू किया गया है उनके रखरखाव हेतु किए गए अद्यतन कार्यों की स्थिति को अगली बैठक में रखने के निर्देश दिए।
अपर नगर आयुक्त जगदीश लाल, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ जे.एस एस रावत, महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र अंजली रावत, सहायक निदेशक सूचना बी.सी नेगी, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास जितेन्द्र कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट, जिला सेवायोजन अधिकारी अजय सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी विवेकशाह सहित श्रम विभाग, शिक्षा, पुलिस आदि सम्बन्धित विभागों के अधिकारी एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।