मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज नई दिल्ली में मीडिया से संवाद कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के समग्र विकास की दिशा में राज्य सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे समेकित प्रयासों पर विचार रखे। उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प 2025 तक देवभूमि उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में देश का सर्वश्रेष्ठ एवं अग्रणी राज्य बनाना है।
हम एक समृद्ध और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड बनाने के लिए कार्य कर रहे है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आगामी नवम्बर-दिसम्बर में राज्य में ग्लोबल इनवेस्टर समिट होने जा रहा है। इसमें भारी संख्या में दुनियाभर के निवेशक प्रदेश में निवेश का निर्णय लेंगे। इस इनवेस्टर समिट में हमने ₹2.5 लाख करोड़ का लक्ष्य निर्धारित कर निवेश आमंत्रित करने की योजना बनाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार समावेशी विकास के मूलमंत्र के साथ प्रदेश के सभी क्षेत्रों के सतुंलित एवं समान विकास के साथ कार्य कर रही है। केदारनाथ व बदरीनाथ की तर्ज पर कुमायूँ के पौराणिक मंदिरों को भव्य बनाने के लिए मानसखण्ड मंदिर माला मिशन की कार्य योजना पर कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को जी-20 की तीन बैठकों के आयोजन का सुअवसर मिलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी तथा केन्द्र सरकार का देवभूमि उत्तराखण्ड की सरकार, प्रशासनिक अमले एवं लोगों की क्षमता व प्रतिभा पर अटूट विश्वास का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में धर्मांतरण को लेकर सख्त कानून बनाया गया है। इसके ज़रिए प्रदेश में अब धर्मांतरण कराने वालों की खैर नहीं होगी। राज्य में जबरन धर्म परिवर्तन संज्ञेय एवं गैर जमानती होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सरकारी ज़मीनों और निजी ज़मीनों पर अवैध क़ब्ज़े के विरुद्ध सख़्त अभियान चलाया जा रहा है। अब तक 2700 एकड़ से ज्यादा वन भूमि से अवैध क़ब्ज़े हटाये गये हैं।
यह अभियान लगातार जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अल्पसंख्यक विरोधी नही अतिक्रमण विरोधी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे बोलने पर नही करने पर विश्वास रखते हैं। अति वृष्टि और भूस्खलन जैसी समस्याओं से निपटने के लिए हर संभव प्रयास त्वरित गति से पीड़ितों के बीच पहुँचाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पूरी सरकार हर पीड़ित के साथ अपने संसाधनों के साथ खड़ी है।