मन में जुनून हो तो हर असंभव को संभव में बदलना बहुत ही आसान होता है जिसमे तन-मन-धन और आयु वर्ग की बाधा म्याना नहीं रखता है। ऐसा ही क्रेजी जुनून का कार्य कर दिखाया है उत्तराखण्ड टिहरी गढ़वाल के निवासी विजय सेमवाल ने।
भारत सरकार के मानव संसाधन विकास एवं शिक्षा मंत्रालय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा (यू०जी०सी० नेट 2023) पर्यटन प्रशासन एवं प्रबन्धन विषय में अपने 59वें वंसत के स्वागत की वेला पर क्वालिफाई कर युवा विधार्थी वर्ग को एक प्रेरणा प्रदान की है ।
सेमवाल का जन्म 21 जनवरी 1966 में टिहरी गढ़वाल जिले के जाखणीधार तहसील ग्राम नेग्याणा लवोईगाँव काण्डीखाल मगरों में हुआ और टिहरी दरवार के राजगुरू पं० जग्गन्नाथ प्रसाद नौटियाल जी से दिक्षारम्भ व उपनयन संस्कार गृहण कर ग्राम स्थित निजि स्कूल से बुनियादी शिक्षा के साथ ही बे०पा० क्वीली, रा०उ०मा०वि० पौखाल, रा० प्रताप इंटर कालेज पुरानी टिहरी व स्नातक परास्नातक पर्यटन प्रशसन एवं प्रबन्धन की शिक्षा हे०न०ब०ग०वि०वि० तथा उत्तराखण्ड विश्व विद्यालय शिक्षा गृहण की गयी। 1989 में श्रीनगर कैम्पस में परिसर वार्ता पत्रिका सम्पादित की।
सेमवाल द्वारा छात्र जीवन में विद्यालय खेलकूद, सांस्कृतिक, वाद-विवाद, भषण, विचार गोष्ठी, एवं सेमिनार तथा मॉडल पार्लियामेंन्ट आदि गतिविधियों में बढ़ चढ़ कर सहभगिता करते हुये राज्य विज्ञान कांग्रेस आंनद भवन इलाहबाद से मैडल व एन०सी०सी० ए-बी-सी प्रमाण पत्र, आर्मी अटैचमेंट, गोवा एविसीपिडीसन के साथ ही अनेक ए०ट०सी०, सी०ए०टी०सी० कोर्ष किये गये हैं। इसके साथ ही छात्रान्दोलन व 1984 में गढवाल मण्डल में उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन हेतु चिंगारी सुलगाने के लिये साईकिल यात्रा जन सम्पर्क अभियान चलाया गया ।
सेमवाल द्वारा 1990 से 2020 तक उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड पर्यटन के अधीन ग०म०वि०नि० में वरिष्ठ प्रबन्धक पर्यटन के पद पर सेवा की गयी। सेवाकाल में पिलग्रिम्ज, टुरिज्म, एडवैचर, ट्रेकिंग, राफ्टिंग, लेजरनोन पर्यटन, जन सम्पर्क ईवेन्ट एवं टैंड फेयर मार्केटिंग, ऋषिकेश, देहरादून, हरिद्वार, अहमदाबाद, चण्डीगढ, आगराखल, वारसू, रँथल, उत्तरकाशी, टिहरी झील पर्यटन, सिरॉई, फ्लोटिंग हट आदि स्थानों पर प्रवन्धन कार्य किया गया।
1993 में प्रथम फोर स्ववयर गंगा राफ्टिंग कंपीटिशन, 1999 में आई०टी०डी०सी० की एच०आर०डी० ट्रेनिंग, 2000 व 2014 में 2 बार हिमालयन महा कुम्भ नंदा राज जात यात्रा में भी पूर्ण सहभागिता, भारत सरकार द्वारा आयोजित कौशल विकास कार्यक्रम एच०एस०आर०टी० ट्रेनिंग एवं तत्पश्चात टुरिज्म, हाउस कीपिंग, एवं फुड एण्ड वैवरेज सेफ विषयों में फैकल्टी ट्रेनर का कार्य किया गया । सेमवाल ईमानदारी की सेवा के साथ कर्मचारी हित में भी सतत मुखुर रहें।
उत्तराखण्ड विश्व विद्यालय से मास्टर ऑफ टुरिज्म मैनेजमेंन्ट की उपाधि 78 प्रतिशत के साथ प्राप्त कर 2020 के कोविड काल में सेमवाल निगम सेवा से विरत होने व अपने जुनून के लिये अकादमिक संघर्ष में प्रवेष करने का अवसर मिल गया और वो अपने स्वाध्याय में दिन रात भूल कर एकाकार हो गये।
राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा नेट अपनेआप में एक अनोखी परीक्षा है जो अन्य समकक्ष परीक्षाओं से विभिन्न पैरामीटरों के साथ भिन्न होने के कारण अतंयत कठिनतम है, जिसके कारण उच्च शिक्षा जगत में गुणवत्ता परक शोध और संकाय की भारी कमी अनुभव की जाती है। सेमवाल ने अपने लगातार प्रयासों से आखिर 2023 की नेट परीक्षा टुरिज्म एडमिनिस्ट्रेशन एण्ड मैनेजमेंन्ट विषय में क्वालिफाई कर अपने जुनून को फर्श से अर्स तक पहुंचा दिया।
सेमवाल ने एक भेंट में बताया कि पूरे देश भर में टुरिज्म एडमिनिस्ट्रेशन एण्ड मैनेजमेंन्ट विषय में केवल 197 अभ्यार्थियों ने सफलता प्राप्त की है, जिसमें 178 नेट और 19 जे०आर०एफ० के लिये चयनित किये गये हैं। राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा नेट क्वालिफाई के पश्चात छात्र को विषय की कहीं भी कोई भी परीक्षा नहीं देनी पड़ती है, विश्व विद्यालय साक्षत्कार बोर्ड के समक्ष केवल अपने शोध प्रपोजल पर साक्षत्कार प्रस्तुत करना पड़ता है। सेमवाल ने बताया कि उनका जुनून था कि अधिकतम आयु वर्ग मे नेट क्वालिफाई किया जाय और निम्न आयु वर्ग को प्रेरणा प्रदान कर दूसरे उददेश्य पलायन का पर्यटन पर प्रभाव विषयक अध्ययन की ओर यात्रा मार्ग प्रशस्त किया जाय।
सेमवाल ने बताया कि इस परीक्षा की तैयारी के लिए ऑफलाईन पुस्तकीय और ऑनलाइन जे०आर०एफ० अडडा और अनएकेडमी से की गयी । उनका यह नव वर्ष इतना सौभग्यशली रहा कि 59वें बंसत की पूर्व संन्ध्या पर विश्व विद्यालय अनुदान आयोग की राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा नेट क्वालिफाई की सूचना प्राप्त हुई। संभवतः समूचे उत्तराखण्ड में समस्त विषयों में लगभग 10 अभ्यर्थियों को ही सफलता हासिल हुई।