देहरादून- 18 मार्च, 2024: निर्माण उपकरण बनाने वाली अग्रणी कंपनी सैनी इंडिया ने अपने ग्राहकों को बेहतर वित्तीय समाधान देने के लिये एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। कंपनी ने जे एण्ड के बैंक के साथ एक एमओयू किया है, जिसका लक्ष्य क्षेत्र के भीतर तरक्की एवं विकास के ठोस अवसरों को प्रेरित करना है। इसमें सैनी इंडिया की उन्नत उत्पाद श्रृंखला और तैयार रूप से उपलब्ध वित्तीय समाधानों को सुलभ भी बनाया जाएगा।
एमओयू पर हस्ताक्षर जे एण्ड के बैंक के उप-महाप्रबंधक निशिकांत शर्मा और सैनी इंडिया के सीओओ संजय सक्सेना की उपस्थिति में हुए। उनके साथ दोनों संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारी भी थे। सैनी इंडिया और जे एण्ड के बैंक के बीच यह गठजोड़ दोनों संस्थाओं की ताकत का इस्तेमाल करने के लिये रणनीतिक तरीके से हुआ है। इसके तहत ग्राहकों को विस्तृत वित्तीय समाधान प्रदान किये जाएंगे। इनमें प्रतिस्पर्द्धी ब्याज दरें और पुनर्भुगतान की लचीली योजनाएं शामिल हैं। इस प्रकार बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं के लिये जरूरी मशीनरी की प्राप्ति में सहयोग मिलेगा।
सैनी इंडिया के सीओओ संजय सक्सेना ने कहा, ‘’हमें जे एण्ड के बैंक के साथ भागीदारी करते हुए खुशी हो रही है। अपने परिचालन क्षेत्रों के भीतर वह आर्थिक स्वस्थता के लिये एक अग्रणी संस्थान है। यह गठजोड़ अपने अत्याधुनिक उत्पादों के साथ-साथ बेजोड़ वित्तीय सेवाएं देने के लिये हमारी प्रतिबद्धता दिखाता है। इससे जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में ग्राहक सशक्त होंगे।‘’
पिछले साल उपकरणों के वित्तीयन में जे एण्ड के बैंक को मिले भरोसे पर रोशनी डालते हुए, सक्सेना ने आगे कहा, ‘’जम्मू एवं कश्मीर में हमारे उपकरणों की 80% बिक्री के लिये वित्तीयन जे एण्ड के बैंक के माध्यम से हुआ है। यह भागीदारी इस क्षेत्र में बैंक की गहरी पहुँच और महत्व दिखाती है। चूंकि जे एण्ड के बैंक हमारा पसंदीदा वित्तीयक (फाइनेंसर) है। इसलिये ग्राहक अन्य विकल्पों की खोज किये बिना हमारे अर्थमूविंग और निर्माण उपकरणों के लिये वित्तीयन के समाधान आसैनी से ले सकते हैं।‘’
जे एण्ड के बैंक के उप-महाप्रबंधक निशिकांत शर्मा ने कहा, ‘’हम लगातार अपने ग्राहकों को फायदेमंद मौके देने की कोशिश में रहते हैं। जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में निर्माण गतिविधियाँ बढ़ने के साथ, अर्थ-मूविंग और निर्माण उपकरणों की मांग में तेजी आई है। हमारी कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट फाइनेंस स्कीम के माध्यम से सैनी इक्विपमेंट के संभावित खरीदार अपनी आवश्यकताओं के अनुसार वित्त की प्राप्ति कर सकते हैं।‘’
उन्होंने भविष्य में पारस्परिक लाभ के लिये दोनों कंपनियों के बीच सम्बंध को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया।