संपूर्ण भारत में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही भारत सरकार ने लोगों को सस्ते गल्ले की दुकानों पर तीन महीने का राशन एक साथ देने की घोषणा की थी। इसके अलावा सरकार ने एक और घोषणा की थी कि गरीबों को सरकारी गल्ले की दुकानों से तीन महीने फ्री में राशन उपलब्ध कराया जाएगा।
सरकार की पहली घोषणा के आधार पर वर्तमान में सस्ते गल्ले की दुकानों पर सरकार तीन महीने का राशन दे रही है, फिलहाल हर किसी तक मदद पहुंचे और भीड़ न लगे, इसको देखते हुए सरकार ने दो महीने का राशन एक साथ देने का फैसला किया है। इसमें गेहूं दो रुपये प्रति किलो और चावल तीन रुपये प्रति किलो दर पर राशन की दुकानों से दिया जा रहा है। इसमें दाल भी शामिल है।
इन्हे मिलेगा फ्री राशन-
दरअसल, सरकार की एक साथ दो घोषणाओं से उपभोक्ताओं में भ्रम की स्थिति है। लोग डीलरों पर फ्री राशन नहीं देने का आरोप लगा रहे हैं। साथ ही लोगों में तीन महीने की जगह दो महीने की राशन मिलने को लेकर भी विवाद कर रहे हैं। लिहाजा, जिला पूर्ति कार्यालय की ओर से साफ किया गया है कि अभी सभी उपभोक्ताओं को दो माह का राशन एक साथ दिया जा रहा है। फ्री का राशन सिर्फ गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले कार्ड धारकों यानी अंत्योदय और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के प्राथमिक परिवारों, मनरेगा जॉब कार्ड धारक, श्रिमिक पंजीकृत कार्ड धारकों को ही मिलेगा। इसके तहत पांच किलो प्रति यूनिट के हिसाब से सिर्फ चावल दिया जाएगा। इसमें प्रति परिवार एक किलो दाल भी फ्री दी जाएगी।
उत्तराखंड में जल्द मिलेगा फ्री राशन-
जिला पूर्ति अधिकारी जेएस कंडारी ने बताया कि अभी तक राशन डीलरों को फ्री के राशन का कोटा आवंटित नहीं हुआ है। उपभोक्ता संयम रखें, उत्तराखंड में अंत्योदय और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के प्राथमिक परिवारों समेत 13.30 लाख परिवारों को तीन महीने तक प्रति व्यक्ति पाच किलो चावल मुफ्त मिलेगा। हर महीने नियमित खाद्यान्न से उन्हें यह अतिरिक्त मिलेगा। फ्री राशन जल्दी वितरित हो इसके लिए खाद्य सचिव ने भी सभी जिलापूर्ति अधिकारियों को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। साथ में उन्हें इस चावल का लेखा-जोखा अलग से रखने के निर्देश दिए गए हैं, इससे केंद्र से प्रतिपूर्ति लेने में राज्य को आसानी रहेगी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत प्रदेश में आम लोगों को खाद्यान्न आपूर्ति सुचारू बनाए रखने पर खुद नजर रख रहे हैं।
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