उत्तराखंड SDRF ने अंकिता भंडारी का शव ऋषिकेश की चिल्ला नहर से बरामद कर लिया है। अंंकिता के शव की पहचान उसके भाई और पिता ने की है इसके बाद उसके शव को ऋषिकेश के एम्स ले जाया गया है। बता दें कि 19 वर्षीय रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंड़ारी की 18 सितम्बर को हत्या कर नहर में फैक दिया गया था। इस मामले में जिस रिजॉर्ट में वह काम करती थी उस रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य सहित 3 आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया था। अंकिता की लाश को तलासने के लिये नहर को भी सुखा दिया गया था जिसके बाद आखिरकार अंकिता के शव को बरामद कर लिया गया है।
एक महीने में ऐसे उझड़े सपने-
पौड़ी गढ़वाल के गांव में पली-बढ़ी एक बालिका सुनहरे भविष्य के सपने बुनकर ऋषिकेश शहर में आई लेकिन सपनों की उड़ान शुरू होते ही खत्म हो गई। दरिंदों ने अपनी काली करतूतों को छिपाने के लिए उसके सपनों को शक्ति नहर की जलराशि में मौत की नींद सुला दिया। अंकिता ने पढ़ाई-लिखाई के बाद अपने कदमों पर खड़े होने की ठानी थी वह अपने माता पिता का सहारा बनना चाहती थी। अपने घर की आर्थिक तंगी को दूर करना चाहती थी। अंकिता ने पिछले महीने 28-29 अगस्त को वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी ज्वाइन की थी। जब वह ऋषिकेश आई थी उस समय उसके पिता वीरेंद्र भंडारी उसे ऋषिकेश छोड़ने आये थे। सबकुछ देखने के बाद वे संतुष्ट होकर गाँव लौट गए लेकिन रिजॉर्ट में कुछ दिन काम करने बाद अंकिता परेशान होने लगी सायद रिजॉर्ट में चल रहे अनैतिक कार्यों से वह असहज थी बाद में वनंत्रा रिजॉर्ट का संचालक पुलकित आर्य द्वारा अंकिता भंडारी को ग्राहक के साथ गलत काम करने का दबाव बनाने लगा। इसी विवाद के चलते संचालक पुलकित आर्य और दो अन्य साथियों ने चिल्ला नहर में फेंक दिया।
आरोपियों ने स्वयं यह बात कबूल कर ली है कि उन्होंने अंकिता पर देह व्यापार के लिए दबाव बनाया था, और उन्होंने उसे धक्का देकर नहर में फेंका। अंकिता अपनी सभी छोटी बड़ी बातें अपने दोस्त जम्मू निवासी पुष्प के साथ शेयर करती थीं। उसने पुष्प को रिसार्ट में उसके साथ हो रहे बर्ताव की एक-एक जानकारी साझा की, जो आज भी उसके मोबाइल चैट में मौजूद है। अंकिता की ओर से साझा की गई बातें ही इस पूरे घटनाक्रम के पर्दाफाश की अहम कड़ी बनी। सबको झकझोर देने वाले इस हत्याकांड के बाद सबसे बड़ा दुखों का पहाड़ तो उन माता-पिता पर टूटा है, जो अपनी लाडली बेटी को खो चुके हैं। पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी व मां सोनी देवी इन दरिंदों को अब फांसी के फंदे पर देखना चाहते हैं। रिजॉर्ट की कार्यशैली को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि रिजॉर्ट अनैतिक कार्य का अड्डा था। रिजॉर्ट संचालक कर्मचारियों के साथ अभद्रता और मारपीट भी करता था।
विवादों से रहा आरोपी का रिश्ता-
अंकिता हत्याकांड का मुख्य आरोपी पुल्कित आर्य का हमेशा विवादों से नाता रहा है। उसकी छवि हमेशा से रसूखदार बाप के बिगड़ैल बेटे के रूप में रही है। साल 2012 में बहादराबाद क्षेत्र में दो गुटों के झगड़े में पुल्कित के खिलाफ धारा 307 का मुकदमा भी दर्ज हुआ था। 2016 में ऋषिकुल आयुर्वेदिक कालेज में चर्चित मुन्नाभाई कांड सामने आने पर पुल्कित को एडमिशन के फर्जीवाड़े में निष्कासित किया गया था। लॉकडाउन में जब लोग अपने घरों में कैद थे, तब पुल्कित सत्ता की हनक दिखाने के लिए अपने पिता की गाड़ी लेकर चमोली जा पहुंचा था। बदरीनाथ जाने के दौरान ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया था। गाड़ी पर उत्तराखंड पशु पालन बोर्ड के उपाध्यक्ष की नेम प्लेट लगी हुई थी। आरोपी का पिता विनोद आर्या पिरान कलियर थानाक्षेत्र के गांव इमलीखेड़ा के निवासी है जो पूर्व में फार्मेसी के लिए ग्रामीणों की जमीन दबाने के आरोपों में घिरे रहे हैं। ऊपर तक पहुंच होने की वजह से इनके खिलाफ कभी कोई कार्यवाही नहीं हुई।