पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों का ऐलान हो गया है। पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को मतदान होगा। चुनाव आयोग ने जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में 10 फरवरी से 7 मार्च तक मतदान होगा, जबकि मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को मतदान होगा। 10 मार्च को सभी राज्यों में मतगणना होगी। पांच राज्यों में कुल लिए 690 विधानसभा सीटों पर मतदान होंगे।
उत्तराखंड की बात करें तो उत्तराखंड में चुनाव की अधिसूचना 21 जनवरी को जारी होगी। नामांकन की आखिरी तारीख 28 जनवरी होगी, 29 जनवरी को नामांकन की जांच व 31 जनवरी तक नाम वापसी का समय होगा 14 फरवरी को चुनाव होंगे। मतगणना 10 मार्च को होगी।
कोरोना में चुनाव कराना है इसके लिए नए प्रोटोकॉल बनाये गए हैं इलसिए कोविड फ्री चुनाव, मतदाताओं की सहूलियत और अधिकतम मतदाताओं की भागीदारी को लेकर नियम बनाये गए हैं। चुनाव आयोग ने चुनाव पार्टियों से डिजिटल, वर्चुअल तरीके से चुनाव प्रचार करने को कहा है। और 15 जनवरी तक किसी तरह की रैली, रोड शो और पदयात्रा पर रोक लगा दी है। इसके बाद चुनाव कैंपेन में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी होगा। घर-घर जाकर पांच लोगों को प्रचार करने की अनुमति होगी। कोविड प्रोटोकॉल के तहत वोट डाले जाएंगे एवं सभी निवार्चन कर्मचारियों का वैक्सीनेशन जरूरी किया गया है। इसके अलावा जीत के बाद विजय जुलूस पर रोक रहेगी।
CEC सुशील चंद्र ने कहा कि इस बार पांच राज्यों के चुनाव में कुल 18.34 करोड़ मतदाता हैं, इनमें सर्विस मतदाता भी शामिल हैं। इनमें से 8.55 करोड़ महिला मतदाता हैं। कुल 24.9 लाख मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। इनमें से 11.4 लाख लड़कियां पहली बार वोटर बनीं हैं। सभी बूथ ग्राउंड फ्लोर पर होंगे, ताकि लोगों को सुविधा हो. बूथ पर सैनिटाइजर, मास्क उपलब्ध होगा।
इस बार 1250 मतदाताओं पर एक बूथ बनाया गया है। पिछले चुनाव की तुलना में 16 फीसदी बूथ बढ़ गए हैं, 1620 बूथ को महिला पोलिंगकर्मी मैनेज करेंगी। 900 आब्जर्बर चुनाव पर नजर रखेंगे। सभी 5 राज्यों में पोलिंग का समय एक घंटे बढ़ाया गया है। चुनाव आयोग ने सरकारी कर्मचारियों के अलावा 80 साल से ज्यादा उम्र के नागरिकों, दिव्यांगों और कोविड प्रभावित लोगों के लिए पोस्टल बैलेट की व्यवस्था की है।
सभी बूथ पर पुरुष और महिला सुरक्षाकर्मी तैनात होंगे। दिव्यांगों के लिए विशेष इंतजाम होंगे हर बूथ पर वॉलेंटियर मदद करेंगे। व्हील चेयर भी हर बूथ पर होगी। कोविड प्रभावित या कोविड संदिग्ध के घर वीडीओ टीम के साथ आयोग की टीम विशेष वैन से जाएगी वोट डलवा कर आएगी। इन्हें बैलेट पेपर से वोट डालने का अधिकार मिलेगा।
अपराधिक पृष्ठ भूमि के उम्मीदवारों के लिए अखबार टीवी और मीडिया और वेबसाइट के होम पेज पर तीन बार अलग अलग चरणों पर जानकारी सार्वजनिक करनी होगी। जनता को पता चले कि उनके उम्मीदवार कैसे हैं? संवेदनशील बूथों पर पूरे दिन वीडीओग्राफी होगी। पांचों राज्यों में एक लाख से ज्यादा बूथों पर लाइव वेबकास्ट होगा। ऑब्जर्वर भी ज्यादा संख्या में तैनात होंगे।
इस बार चुनाव खर्च बढ़ाया गया है। राज्यों के दर्जे के मुताबिक विधायक उम्मीदवार 28 लाख से 40 लाख रुपए चुनाव में खर्च सकता है। आयकर, डीआरआई, रेलवे सहित कई एजेंसियों और संस्थानों को अलर्ट किया गया है कि नशीले पदार्थ, शराब, काला धन या अन्य फोकट में बांटने की चीजें लाने ले जाने वालों पर कड़ी निगाह रखें। चुनाव आयोग ने सुविधा एप बनाया है। इसके जरिए राजनीतिक दल सीधे आयोग को संपर्क कर सकते हैं। C vigil एप जनभागीदारी के लिए बनाया गया है। जनता इसे डाउनलोड कर एमसीसी का कोई भी उल्लंघन का वीडीओ, ऑडियो या सबूत अपलोड कर सकते हैं। शिकायतकर्ता के नाम पते की गोपनीयता के साथ कार्रवाई होगी।