अतिक्रमण हटाओ के लिए समय बढ़ाने की याचिका पर उत्तराखंड सरकार को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार की अतिक्रमण हाटने की समय सीमा बढ़वाने वाली याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट का कहना है कि अतिक्रमण के आदेश नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा दिए गए हैं, वहीं अपील करें।
ऐसे में अब सरकार के पास अब कहीं भी जाने का समय नहीं है और उसे अतिक्रमण हटाने का काम तेज गति से बढ़ाना होगा। बता दें कि न्यायालय के निर्देशों के क्रम में देहरादून शहर में मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण, नगर निगम देहरादून एवं जिला प्रशासन देहरादून द्वारा जन सामान्य हेतु बनाये गये फुटपाथों, गलियों, सड़कों एवं अन्य स्थलों पर किये गये अनधिकृत निर्माणों एवं अवैध अतिक्रमणों में ध्वस्तीकरण, चिन्हांकन व सीलिंग का कार्य किया जा रहा है।
मंगलवार को इस अभियान के अन्तर्गत 257 अवैध अतिक्रमणों के ध्वस्तीकरण व 149 अतिक्रमणों के चिन्हीकरण का कार्य सम्पादित किया गया है। इस प्रकार अब तक कुल 1916 अवैध अतिक्रमणों का ध्वस्तीकरण, 4489 अतिक्रमणों का चिन्हीकरण व 88 भवनों के सीलिंग का कार्य सम्पादित किया जा चुका है।
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अपर मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश ने बताया कि मा0 न्यायालय के निर्देश के क्रम मे देहरादून नगर निगम की सीमा के अंदर तेज गति से अतिक्रमण हटाने के लिए गठित अतिक्रमण हटाओ टास्क फोर्स को और अधिक बढ़ाया गया है।
अतिक्रमण हटाओ टास्क फोर्स टीम मे सचिव, दून घाटी विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण देहरादून श्री सूंदर लाल सेमवाल, महाप्रबंधक जी.एम.वी.एन देहरादून श्री बंशी लाल राणा, अधिशासी निदेशक चीनी मिल डोईवाला श्री मनमोहन सिंह रावत, उपायुक्त राजस्व परिषद देहरादून सुश्री विप्रा त्रिवेदी, महाप्रबंधक सिडकुल देहरादून सुश्री झरना कमठान को सम्मिलित किया गया है।
देहरादून: जारी रहा ध्वस्तीकरण, चिन्हांकन व सीलिंग का कार्य, अपर मुख्य सचिव ने किया निरीक्षण
श्री ओमप्रकाश ने कहा कि मुख्य मार्गों में अवैध अतिक्रमणों के ध्वस्तीकरण, सीमांकन व सीलिंग के कार्यों में और अधिक तेजी लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्य मार्गों सहित नगर निगम की सीमा में आने वाले अवैध अतिक्रमणों को हटाने में किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नही होगी। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण की कार्यवाही के दौरान जिन-जिन स्थानों से बडे व छोटे होर्डिंग्स को ध्वस्त किया गया है। ऐसे स्थानों पर पुनः होर्डिंग्स न लगने पाए, इसकी पूर्ण निगरानी रखी जा रही है।
उन्होंने बताया कि कुछ अवैध भवनों के भवन स्वामियों द्वारा स्वयं भी ध्वस्तीकरण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो लोग भविष्य में दुबारा अतिक्रमण करते है, ऐसे लोगों के विरूद्ध आई.पी.सी. की धाराओं के अन्तर्गत एफ.आई.आर. दर्ज करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि अवैध अतिक्रमणों के ध्वस्तीकरण में आम जन मानस का सहयोग निरन्तर शासन-प्रशासन को मिल रहा है। ')}