जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर अब तक के सबसे बड़े फिदायीन हमले में सीआरपीएफ के 42 जवान शहीद हो गए. कई अन्य के घायल होने की सूचना है. घटना जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर दोपहर बाद सवा तीन बजे की है. सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में IED का इस्तेमाल हुआ है. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इसे आत्मघाती हमला बताया है फिदायीन हमलावर ने विस्फोटक भरी कार को काफिले की बस से टकरा दिया, जिससे विस्फोट में बस के परखच्चे उड़ गए.

चारो ओर बस के टुकड़े तथा मलबा पड़ा नजर आ रहा था. आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली है हमले में 200 किलोग्राम इस्तेमाल किया गया था, रक्षा अधिकारी ने हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है.

पीएम नरेंद्र मोदी सहित कई राजनेताओं ने हमले की निंदा की है. रिपोर्ट के अनुसार उरी के बाद यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है. घायलों का श्रीनगर स्थित सेना के अस्पताल में इलाज चल रहा है. सीआरपीएफ (CRPF) के जवानों को ले जा रही बस को मुख्य रूप से निशाना बनाया गया था. हमले में कई अन्य वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. सेना ने मौके पर 3 आंतकियों को भी ढ़ेर कर दिया.

बता दें कि सीआरपीएफ का 78 वाहनों का काफिला 2500 जवानों को लेकर जम्मू से श्रीनगर आ रहा था. इनमें ज्यादातर अपनी छुट्टी बिताकर ड्यूटी ज्वाइन करने जा रहे थे. सामान्य तौर पर एक हजार जवान काफिला का हिस्सा होते हैं. जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर पुलवामा जिले के लेथपोरा में काफिले को निशाना बनाया गया.


पुलिस के अनुसार आत्मघाती वाहन को चला रहे मानव बम की शिनाख्त कर ली गई है. वह पुलवामा जिले के काकापोर का आदिल अहमद था, जो वर्ष 2018 में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद में शामिल हुआ था. पूरे देश में इस घटना से बहुत ज्यादा आक्रोश फ़ैल गया है. देश की जनता बहुत जल्दी पाकिस्तान से बदला लेने की मांग कर रही है.
')}