हिमांचल प्रदेश के गुम्मा में हुए बस हादसे ने हिमांचल प्रदेश समेत उत्तराखंड सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग की पोल खोलकर रख दी दुर्घटना बहुत बड़ी थी मौके पर पुलिस भी पहुंची लेकिन जिस जगह ये दुर्घटना घटी वहाँ पर पुलिस कर्मियों ने लोगों की मदद से झाड़ियां काट कर किसी तरह नदी तक पहुंचाने का रास्ता बनाया। नदी तक पुलिस कर्मी और ग्रामीण पगडंडियों पर करीब ढाई से तीन किमी की पैदल दूरी नाप कर पहुंचे। घटना स्थल पर पहुंचकर पुलिस लाचार नजर आई
शव को निकालने के लिए मौके पर स्ट्रेचर तक की व्यवस्था नहीं थी। लान्शे ऐसे ही इधर उधर पड़ी दिखी जिसने मंजर देखा वो सन्न रह गया पुलिस लाचार थी लाशों का रेस्क्यू करना जरूरी था अब सरकार का थोड़े न इंतज़ार करेंगे आखिर कोन मदद करे ऐसे में शवों को किसी तरह बोरियों और रस्सों के सहारे निकाला गया। यही वजह रही कि शाम पांच बजे तक मात्र तीन शवों को ही निकाला जा सका था
राहत एवं बचाव कार्य के लिए दून से एसडीआरएफ की टीम बुलानी पड़ी। रेस्क्यू ऑपरेशन में दोनों ही राज्यों के लोगों ने भी सहयोग किया। दुर्घटना की खबर लगने पर सबसे पहले नेरूवा पुलिस मौके पर पहुंची।
अभी भी शवों की पहचान और रेश्क्यु का काम किया जा रहा है ऐसे में आप अंदाज़ा लगा सकते हैं की जिन प्रदेशों में करोड़ों की संख्या में पर्यटक आते हैं वहां पर आपदा प्रबंधन की कितनी दयनीय स्थिति है सरकार के पास ऐसी समस्या से निपटने के लिए संसाधन भी नहीं हैं ऐसी घटना पर तत्काल रेस्क्यू किये जाने का कोई खाका ही नहीं है और वो सरकारें कहती हैं की हम हर समस्या से निपटने को तैयार हैं लेकिन अब सरकार जरूर संज्ञान लेगी और ऐसी घटनाओ से निपटने के तरीकों और संसाधन जुटाने पर जरूर चर्चा करेगी
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हिमांचल प्रदेश के गुम्मा में हुए बस हादसे ने हिमांचल प्रदेश समेत उत्तराखंड सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग की पोल खोलकर रख दी दुर्घटना बहुत बड़ी थी मौके पर पुलिस भी पहुंची लेकिन जिस जगह ये दुर्घटना घटी वहाँ पर पुलिस कर्मियों ने लोगों की मदद से झाड़ियां काट कर किसी तरह नदी तक पहुंचाने का रास्ता बनाया। नदी तक पुलिस कर्मी और ग्रामीण पगडंडियों पर करीब ढाई से तीन किमी की पैदल दूरी नाप कर पहुंचे। घटना स्थल पर पहुंचकर पुलिस लाचार नजर आईशव को निकालने के लिए मौके पर स्ट्रेचर तक की व्यवस्था नहीं थी। लान्शे ऐसे ही इधर उधर पड़ी दिखी जिसने मंजर देखा वो सन्न रह गया पुलिस लाचार थी लाशों का रेस्क्यू करना जरूरी था अब सरकार का थोड़े न इंतज़ार करेंगे आखिर कोन मदद करे ऐसे में शवों को किसी तरह बोरियों और रस्सों के सहारे निकाला गया। यही वजह रही कि शाम पांच बजे तक मात्र तीन शवों को ही निकाला जा सका थाराहत एवं बचाव कार्य के लिए दून से एसडीआरएफ की टीम बुलानी पड़ी। रेस्क्यू ऑपरेशन में दोनों ही राज्यों के लोगों ने भी सहयोग किया। दुर्घटना की खबर लगने पर सबसे पहले नेरूवा पुलिस मौके पर पहुंची।अभी भी शवों की पहचान और रेश्क्यु का काम किया जा रहा है ऐसे में आप अंदाज़ा लगा सकते हैं की जिन प्रदेशों में करोड़ों की संख्या में पर्यटक आते हैं वहां पर आपदा प्रबंधन की कितनी दयनीय स्थिति है सरकार के पास ऐसी समस्या से निपटने के लिए संसाधन भी नहीं हैं ऐसी घटना पर तत्काल रेस्क्यू किये जाने का कोई खाका ही नहीं है और वो सरकारें कहती हैं की हम हर समस्या से निपटने को तैयार हैं लेकिन अब सरकार जरूर संज्ञान लेगी और ऐसी घटनाओ से निपटने के तरीकों और संसाधन जुटाने पर जरूर चर्चा करेगी