राष्ट्रभर की 112 असाधारण महिलाओं को माननीय राष्ट्रपति ने सम्मानित किया है। जिसमे उत्तराखंड की जागर सम्राज्ञी बसंती बिष्ट और प्रेरणादायी बछेंद्री पाल भी सामिल रही। इस सम्मान के साथ ही जागर गायिका बसंती बिष्ट के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ गयी है। बसंती बिष्ट को दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सम्मानित किया है। उत्तराखंड की इन नारी शक्तियों को सीएम त्रिवेंद्र और मसूरी विधायक गणेश जोशी ने बधाई दी।
गायिका बसंती बिष्ट एक न्यूज़ चेंनेल से बातचीत में कहा कि वो चाहती हैं कि कला को जीवित रखने के लिए सरकार को और अधिक काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोक कलाओं से नई पीढ़ी को जोड़ने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए, जिससे लोककला के ख़त्म होने का संकट ख़त्म हो सके।
अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं के लिए गणतंत्र दिवस के मौके पर यह पुरस्कार पहली बार प्रदान किया जाएगा। मूलत: ल्वाणी देवाल, चमोली निवासी बसंती बिष्ट ने 42 साल की उम्र में पहली बार मंच पर जागर गायन शुरू किया था।
वह जागर के जरिये उत्तराखंड की लोक संस्कृति को देश-विदेश के कई मंचों पर प्रसारित कर चुकी हैं। लोक संस्कृति के प्रचार-प्रसार और संवर्द्धन में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें पिछले वर्ष पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है। ')}