देहरादून: उत्तराखंड के टिहरी में बनी फिल्म “बत्ती गुल मीटर चालू” सिनेमा घरों में रिलीज हो गई फिल्म को लेकर दर्शकों ने कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुल मिलकर फिल्म के विषय को लेकर तारीफ हो रही है। फिल्म आम लोगों की समस्या को लेकर है यही कारण है कि फिल्म को देखने के लिए लोग काफी उत्सुक नजर आए।
उत्तराखंड में फिल्म को लेकर रिएक्शन-
फिल्म में गढ़वाली, कुमाऊंनी भाषा के नाम पर बहुत ज्यादा ‘बल’ और ‘ठहरा’ का इस्तेमाल हिंदी भाषी दर्शकों को हजम नहीं हो पा रहा है। यहां तक कि उत्तराखंड के दर्शकों ने भी इसे फिल्म में इतना जादा ‘बल’ और ‘ठहरा’ का इस्तेमाल करने पर नाराजगी जताई है। फिल्म में उत्तराखंड की लोकेशन अच्छी तरह से दिखाई गई है, जो उत्तराखंड के दर्शकों को अपनापन महसूस करा गया।
फिल्म एक घंटा करेगी बोर-
दर्शकों के अनुसार शुरुआती एक घंटे में फिल्म आपको बोर करेगी, अगर आप उस दौरान सिनेमा में रुक जाएंगे, तो फिर आगे की फिल्म आपको सिनेमा से जाने नहीं देगी। फिल्म को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया आ रही है। देखने वाली बात यह होगी कि पहले वीकेंड पर फिल्म कितना कारोबार करती है। फिल्म का बजट करीब 40 करोड़ बताया जा रहा है।
ये है फिल्म की कहानी-
फिल्म की कहानी उत्तराखंड के टिहरी जिले की है कहानी तीन दोस्तों सुशील कुमार पंत (शाहिद कपूर), ललिता नौटियाल (श्रद्धा कपूर) और सुंदर मोहन त्रिपाठी (दिव्येंदु शर्मा) की है सुशील कुमार एक चालू किस्म का वकील है, जो किसी भी तरह से पैसा कमाने की जुगत में रहता है और लोगों को झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर उगाही करता है।
वहीं, ललिता डिजाइनर हैं और सुंदर ने एक प्रिंटिंग प्रेस का धंधा शुरू करता है, उत्तराखंड में बिजली की समस्या काफी गंभीर है और ज्यादातर बिजली कटी हुई ही रहती है सुंदर की फक्ट्री के बिजली का बिल 54 लाख रुपये आता है जबकि बत्ती हमेशा गुल रहती है इस वजह से वह शिकायत दर्ज करता है।
शिकायत के बाद भी सुन्दर की बात सुनी नहीं जाती एक ऐसा दौर आता है जब वह बेबसी में आत्महत्या कर लेता है। इस वजह से सुशील और ललिता शॉक हो जाते हैं। सुशील अपने दोस्त के इस केस को लड़ने का फैसला करता है कोर्टरूम में उसकी जिरह वकील गुलनार (यामी गौतम) से होती है। अंततः एक फैसला आता है। जो इस फिल्म की खास कड़ी है। ')}