विभिन्न राज्यों से उत्तराखंड पहुंच रहे प्रवासियों की संख्या बढ़ती जा रही है। जैसे-जैसे प्रवासी लौट रहे हैं वैसे-वैसे कोरोना का ग्राफ भी बढ़ रहा है। उत्तराखंड लौटे प्रवासियों का कोरोना पॉजिटिव पाया जाना चिंताजनक इसलिए भी है कि इन सभी मरीजों में से किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं हैं। ऐसे प्रवासियों की समय पर पहचान नहीं हुई तो राज्य में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ने की पूरी आशंका है।
उत्तराखंड में अब तक करीब 60 हजार प्रवासियों की वापसी हुई है। इसमें कई प्रवासी हॉट-स्पॉट इलाकों से भी लाये जा रहे हैं। सरकार ने नई गाइडलाइन के साथ बाहरी राज्यों से उत्तराखंड लौट रहे प्रवासियों का पूल टेस्टिंग करने का फैसला ले लिया। इसके तहत पांच से 25 तक लोगों के सैंपलों को एक साथ मिलाकर जांचा जाएगा।
राज्य सरकार ने सभी जिलों के प्रवासियों की पूल टेस्टिंग शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। अपर सचिव-स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने बताया कि पूल टेस्टिंग का उपयोग सर्विलांस के लिए किया जाएगा। अगर किसी पूल का सैंपल पॉजिटिव आता है तो फिर उस पूल के सभी सैंपलों की जांच अलग-अलग की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसका मकसद, यह पता लगाना है कि कितने लोगों में संक्रमण है।