कोरोना जैसी महामारी के बाद पूरे देशभर टोमैटो फ्लू से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने से बड़ी हलचल है। दरअसल, 1 वर्ष से 10 वर्ष के बीच के बच्चों में टोमैटो फ्लू का असर देखने को मिल रहा है। केरल के उत्तरप्रदेश में इस बीमारी के फैलने से संभावनाएं हैं कि यह अन्य राज्यों में भी तेजी से फ़ैल सकता है। इस बीमारी में बच्चों के शरीर पर दाने निकल रहे हैं। पानी भरे हुए दाने शरीर के अंगुलियों से लेकर तलवे और मुंह के आसपास और उसके अंदर तक निकल रहे हैं।
डॉ. राजकुमार गुप्ता की मानें तो टोमैटो फ्लू एक कॉक्ससैकी वायरस ए16 है, जो नाक, गले, मुंह के जरिए बहुत तेजी से फैलता है। ये एक संक्रामक रोग है और ज्यादातर इसकी चपेट में पांच साल से कम उम्र के बच्चों के आने का डर रहता है। ज्यादातर इसके मामले वहां फैलने का डर होता है, जहां एक साथ तमाम बच्चे इकट्ठे हों हालांकि ये बीमारी वयस्कों को भी प्रभावित कर सकती है, इसलिए उन्हें भी इससे सावधान रहने की जरूरत है। विशेषज्ञों की सलाह है कि टोमैटो फ्लू को लेकर घबराएं नहीं। डॉक्टर के परामर्श पर दवा का सेवन करके इस बीमारी को मात दिया जा सकता है। चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. एनके वर्मा ने बताया कि टोमैटो फ्लू हैंड फूट माउथ डिजीज है, जो कॉकसेक ए वाइरस के नाम से होती है, इसके सिम्प्टम्स बहुत ही हल्के होते है, हाथ-पैर-मुंह के अंदर छोटे-छोटे दाने होते हैं।
घर में भी और बच्चों को संक्रमित बच्चे से दूर रखे, क्योंकि दूसरे बच्चे में ये स्किन तो स्किन ट्रान्स्फर हो सकती है, टोमैटो फ्लू से संक्रमित बच्चे को आइसोलेट करना चाहिए हालांकि इसके होने पर जांच की जरूरत भी नहीं है, ना पैनिक होने की ज़रूरत है, अपने आपको आइसोलेट कर ले और चिकित्सक द्वारा दिए निर्देशों का पालन करें साफ-सफाई बरतें। बच्चों के पहुंच की ज्यादातर चीजों को सैनिटाइज करें। बच्चों के हाथों को समय समय पर धुलाते रहें और कपड़ों को गर्म पानी में धोएं बच्चों के खिलौने, कपड़े आदि को संक्रमित बच्चों से शेयर न होने दें।