टोक्यो ओलंपिक्स में भारत को सिल्वर मेडल दिलाने वाली मीराबाई चानू ने 49 किलो वेटलिफ्टिंग में दूसरे नंबर पर रही थीं और स्पर्धा का स्वर्ण चीन की वेटलिफ्टर झिहुई होउ को मिला था। अब झिहुई होउ का डोपिंग टेस्ट किया जा रहा है। यदि झिहुई होउ दोषी पाई जाती हैं तो नियमानुसार मीराबाई चानू का रजत पदक अब स्वर्ण पदक में बदल जाएगा।
वहीं सोशल मीडिया पर ये खबरें भी वायरल हो रही हैं कि झिहुई होउ का टेस्ट फ़ैल हो गया है उनसे स्वर्ण पदक छिन लिया जाएगा और मीराबाई के रजत को स्वर्ण पदक में अपडेट किया जाएगा। हालांकि, सच्चाई यह है कि ओलंपिक में करीब 5,000 एथलीटों का रेंडम डोपिंग टेस्ट किया जा रहा है और नमूने एकत्र किए जा रहे हैं। यह रुटिन प्रक्रिया है। इसलिए हम केवल यह नहीं मान सकते हैं कि होउ का परीक्षण सकारात्मक होगा। हालांकि, अगर उसके परीक्षण सकारात्मक के रूप में आते हैं, तो मीरबाई भारत की पहली महिला ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता होंगी।
दरअसल, चीनी एथलीट झिहुई होउ आज स्वदेश लौटने वाली थीं, लेकिन उन्हें रुकने को गया है। किसी भी समय उनका टोपिंग टेस्ट हो सकता है। ओलंपिक्स के इतिहास में ऐसा पहले भी हो चुका है जब डोपिंग में फेल होने पर खिलाड़ी का पदक छिन लिया गया और दूसरे नंबर पर रहने वाले खिलाड़ी को दे दिया गया है।