Raibaar UttarakhandRaibaar UttarakhandRaibaar Uttarakhand
  • Home
  • Uttarakhand News
  • Cricket Uttarakhand
  • Health News
  • Jobs
  • Home
  • Uttarakhand News
  • उत्तराखंड पर्यटन
  • उत्तराखंड मौसम
  • चारधाम यात्रा
  • Cricket Uttarakhand
  • राष्ट्रीय समाचार
  • हिलीवुड समाचार
  • Health News
Reading: जलवायु परिवर्तन ने बदली उत्तराखंड की खेती की सूरत
Share
Font ResizerAa
Font ResizerAa
Raibaar UttarakhandRaibaar Uttarakhand
  • Home
  • Uttarakhand News
  • उत्तराखंड पर्यटन
  • चारधाम यात्रा
Search
  • Home
  • Uttarakhand News
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधम सिंह नगर
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • उत्तराखंड पर्यटन
  • उत्तराखंड मौसम
  • चारधाम यात्रा
  • Cricket Uttarakhand
  • राष्ट्रीय समाचार
  • हिलीवुड समाचार
  • Health News
Follow US
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Donate
©2017 Raibaar Uttarakhand News Network. All Rights Reserved.
Raibaar Uttarakhand > Home Default > Uttarakhand News > जलवायु परिवर्तन ने बदली उत्तराखंड की खेती की सूरत
Uttarakhand News

जलवायु परिवर्तन ने बदली उत्तराखंड की खेती की सूरत

Last updated: May 1, 2025 2:03 pm
Debanand pant
Share
5 Min Read
SHARE

आलू-गेहूं छोड़ किसानों ने पकड़ी दाल-मसालों की राह, बीते दशक में 27% कम हुई खेती की ज़मीन, 70% गिरी आलू की पैदावार

उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में जलवायु परिवर्तन की मार ने खेती के नक्शे को पूरी तरह बदल दिया है। क्लाइमेट ट्रेंड्स की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक दशक में जहां खाद्यान्न और तिलहन जैसी परंपरागत फसलों का दायरा 27% तक सिमट गया है, वहीं दलहन और मसालों की खेती में ज़बरदस्त उछाल दर्ज किया गया है।

रिपोर्ट ‘पहाड़ों में जल और ताप तनाव: जलवायु परिवर्तन उत्तराखंड के कृषि परिदृश्य को कैसे आकार दे रहा है’ बताती है कि बढ़ते तापमान, अनियमित बारिश और जल संकट के चलते किसान अब गेहूं, धान और आलू जैसी पानी मांगने वाली फसलों से दूरी बना रहे हैं। इनकी जगह अब अरहर, कुल्थी, रामदाना, भट्ट और मक्का जैसी पारंपरिक और लचीली फसलें ले रही हैं।

उत्तराखंड के पहाड़ों में आलू की पैदावार बीते पांच वर्षों में 70% से अधिक घट चुकी है। 2020-21 में जहां आलू का उत्पादन 3.67 लाख मीट्रिक टन था, वह 2023-24 में गिरकर मात्र 1.07 लाख मीट्रिक टन रह गया। इस दौरान आलू की खेती का क्षेत्रफल भी 26,867 हेक्टेयर से घटकर 17,083 हेक्टेयर रह गया।

विशेषज्ञों का मानना है कि बदलते मौसम पैटर्न और घटती बर्फबारी इसकी मुख्य वजह हैं। कृषि विज्ञान केंद्र, उधम सिंह नगर में तैनात डॉ. अनिल कुमार के मुताबिक, “पहाड़ों में आलू की खेती अब पहले जैसी नहीं रही। बारिश और बर्फबारी दोनों का अभाव है, जिससे उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।”

खेती को सिर्फ मौसम ही नहीं, जंगली जानवरों से भी नुकसान हो रहा है। लोक चेतना मंच के अध्यक्ष जोगेंद्र बिष्ट बताते हैं कि खेतों में अब नमी टिकती नहीं और ऊपर से जंगली सूअर रातों को पूरी फसल उजाड़ देते हैं। “पानी की कमी, तापमान में इज़ाफा और जानवरों का बढ़ता खतरा—तीनों ने पारंपरिक फसलों की राह मुश्किल कर दी है।”

भारत के मौसम आपदा एटलस के अनुसार, वर्ष 2023 में उत्तराखंड में कुल 94 दिनों तक चरम मौसम की स्थितियां बनी रहीं, जिससे 44,882 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई। साथ ही, तापमान में हर साल 0.02 डिग्री सेल्सियस की औसत बढ़ोतरी दर्ज की गई।

गहत, भट्ट, चना और अरहर जैसी देशी दालें अब किसानों के लिए नई उम्मीद बन रही हैं। ये फसलें कम पानी और कम इनपुट में भी अच्छी उपज देती हैं और पोषण के लिहाज़ से भी काफी समृद्ध हैं।

उत्तराखंड में मसालों की खेती को भी बढ़ावा मिला है। राज्य में हल्दी का उत्पादन 122% बढ़ा है, वहीं मिर्च की खेती में 35% की वृद्धि हुई है। मसालों का कुल रकबा 50% तक बढ़ा है, जबकि उत्पादन में 10.5% की बढ़त देखी गई है।

सरसों, तोरिया और सोयाबीन जैसी तिलहन फसलें अभी छोटे स्तर पर हैं, लेकिन इनमें वृद्धि की प्रवृत्ति दिख रही है। हालाँकि इनकी औसत पैदावार में सुधार की गुंजाइश अभी बाकी है।

उत्तराखंड की पारंपरिक बारानाजा बहुफसली प्रणाली अब इतिहास बनती जा रही है, लेकिन किसान अब नई बहुफसली रणनीतियों के साथ प्रयोग कर रहे हैं। दलहन पर केंद्र सरकार के आत्मनिर्भरता मिशन और बाज़ार सहयोग ने भी किसानों को नई राह अपनाने के लिए प्रेरित किया है।

जोगेंद्र बिष्ट कहते हैं, “पहले जहां किसान धान-गेहूं पर निर्भर थे, अब वे काली सोयाबीन, कुल्थी और मक्का जैसी फसलों की ओर बढ़ रहे हैं। ये न सिर्फ मौसम के अनुकूल हैं, बल्कि बाज़ार में इनकी मांग भी बढ़ रही है।”

क्लाइमेट ट्रेंड्स की रिपोर्ट यह स्पष्ट संकेत देती है कि उत्तराखंड की पहाड़ी खेती अब बदलाव के दौर से गुजर रही है। जलवायु के अनुकूल, कम पानी और कम इनपुट वाली फसलों की ओर बढ़ता यह झुकाव न सिर्फ खाद्य सुरक्षा की दिशा में अहम कदम है, बल्कि इससे किसानों की आजीविका भी सुरक्षित हो सकती है।

महेंद्र भट्ट सर्व सम्मति से बने उत्तराखंड के भाजपा अध्यक्ष
सीएम धामी ने राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में प्रदेशभर से आए चिकित्सकों को सम्मानित किया
जुलाई माह में होंगे 09 निःशुल्क मोतियाबिंद शिविर
देहरादून और हरिद्वार में अवैध दवा कारोबारियों पर शिकंजा, अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, दो आरोपी गिरफ्तार
जमरानी बांध और सौंग बांध परियोजना के कार्यों में और तेजी लाई जाए: मुख्यमंत्री धामी
Share This Article
Facebook Whatsapp Whatsapp Copy Link
Previous Article कलैक्ट्रेट में मेरे सामने, एक ही छत के नीचे कार्य करेंगे एसडीएम व परियोजना के समस्त नोडल अधिकारी एवं कार्मिक
Next Article केदारनाथ धाम पहुची भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली
Leave a Comment Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Stay Connected

218kFollowersLike
100FollowersFollow
200FollowersFollow
600SubscribersSubscribe
4.4kFollowersFollow

Latest News

उत्तराखंड का मौसम: कई जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट, जानिए पूरी खबर
Uttarakhand News
June 24, 2025
होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया ने लॉन्च की नई 2025 XL750 ट्रांसऐल्प ‘बुकिंग्स शुरू’
Uttarakhand News देहरादून
June 23, 2025
हलसी गांव में गुलदार ने बकरी चराने गई महिला को बनाया निवाला, क्षेत्र में दहशत का माहौल
Uttarakhand News
June 23, 2025
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट की रोक, क्या बोले सचिव पंचायतीराज?
Uttarakhand News देहरादून
June 23, 2025

खबरें आपके आस पास की

Uttarakhand Newsदेहरादून

मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश संभावित आपदाओं से बचाव को रहें एडवांस तैयारी

June 23, 2025
Uttarakhand News

गरम होता एशिया: समंदर से पहाड़ तक जलवायु संकट की मार, लेकिन चेतावनी और तैयारी ने बचाई जानें

June 23, 2025
Uttarakhand News

रुद्रप्रयाग: जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने किया केदारनाथ धाम का स्थलीय निरीक्षण

June 22, 2025
Uttarakhand Newsउत्तरकाशी

दिलाराम से बालाहिसार: देहरादून और मसूरी में पठानों की अफगान विरासत

June 22, 2025
Uttarakhand Newsदेहरादून

डीएम का ऋषिकेश में चारधाम यात्रा व्यवस्था का निरीक्षण

June 22, 2025
Uttarakhand News

रुद्रप्रयाग: मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के 31 जुलाई तक करें आवेदन

June 22, 2025
Raibaar UttarakhandRaibaar Uttarakhand
Follow US
©2017 Raibaar Uttarakhand News Network. All Rights Reserved.
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Donate