देहरादून : मंगलवार को राजधानी नई दिल्ली संसद भवन कार्यालय में उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने आज केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह जी से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान सहकारिता मंत्री जी द्वारा केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह जी से सहकारिता को लेकर विचार विमर्श हुआ।
गौरतलब है कि, केद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने देहरादून के बन्नू स्कूल के फील्ड में 30 अक्टूबर 20 21 को मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना का शुभारंभ किया था। उन्होंने कहा था कि इस योजना के तहत पशुपालन से जुड़ी महिलाओं को 75 प्रतिशतसब्सिडी पर दो किलो वैज्ञानिक ढंग से तैयार चारा मिलेगा। इससे एक लाख किसान भी लाभांवित होंगे। उन्होंने राज्य की 670 पैक्स समितियों का कंप्यूटरीकरण व गंगाजल अमृत योजना और सहकारी समितियों के ट्रेनिंग सेंटर का भी उद्घाटन किया था और सहकारिता ट्रेनिंग सेंटर के भवन का शिलान्यास भी।
उन्होंने महिला समूहों को पांच-पांच लाख के ऋण के चैक वितरित किए थे। शाह के इस योजना के राज्य में शुभारंभ करने के तुरन्त बाद 14 फरवरी 21 को विधानसभा चुनाव हुए थे। जिसमें महिलाओं ने बड़ी संख्या में भागीदारी निभाई, जिसमें सरकार पुनः बन गई है।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री शाह ने उत्तराखंड के कंप्यूटराइजेशन मॉडल की प्रशंसा करते हुए कहा था कि इस मॉडल को अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए। अभी तक देश में उत्तराखंड और तेलंगाना की ऐसे स्टेट हैं जहां न्याय पंचायत स्तर पर पैक्स समितियां कंप्यूटराइजेशन हुई हैं।
उत्तराखंड राज्य में कंप्यूटराइजेशन का कार्य सहकारिता मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत ने शुरू किया था तथा डॉ रावत ने मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना भी उत्तराखंड की धरती में लाई थी। समझा जाता है कि कॉपरेटिव की इस महत्वकांक्षी योजना से राज्य में चुनाव में पहाड़ की एकाधिक सीटों पर पार्टी को लाभ हुआ था। जिससे पार्टी दोबारा सत्ता में आई।
डॉ रावत की सहकारिता क्षेत्र में मजबूत पकड़ और काम कराने की इच्छाशक्ति के बलबूते उन्हें दोबारा राज्य का कोऑपरेटिव मिनिस्टर बनाया गया है। राज्य में कॉपरेटिव मिनिस्ट्री के 20 साल के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी मंत्री को बेहतरीन प्रदर्शन के कारण कॉपरेटिव मिनिस्ट्री सौपीं गई है। अब डॉ रावत के पास कॉपरेटिव के क्षेत्र में पिछली बार से और अधिक काम करने का विचार है।