कोरोनावायरस के संभावित टीके के क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। एक बार वैक्सीन अप्रूव हो जाए, उसके बाद टीके लगना शुरू हो जाएंगे। इसी संभावना को देखते हुए राज्य सरकार ने राज्य में तीन स्तर पर टास्क फ़ोर्स का गठन किया है।
राज्य लेवल टास्क फ़ोर्स, जिला स्तरीय टास्क फ़ोर्स और ब्लॉक स्तर टास्क फ़ोर्स। राज्य स्तर की टास्क फ़ोर्स के अध्यक्ष सचिव उत्तराखंड होंगे, जिला स्तर की टास्क फ़ोर्स का अध्यक्ष जिलाधिकारी तथा ब्लॉक स्तर की टास्क फ़ोर्स के अध्यक्ष उप जिलाधिकारी को बनाया गया है। इस तरह प्रदेश सरकार राज्य के बड़े अस्पतालों के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं उपकेंद्र स्तर तक की योजना तैयार करने में जुट गई है। उत्तराखंड की कुल आबादी के हिसाब से उत्तराखंड की एक करोड़ से ज्यादा कोरोना वैक्सीन की मांग रहेगी।
बता दें क़ि भारत ने प्रॉयरिटी के आधार पर करीब 50 से 70 लाख हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स को सबसे पहले टीके लगाए जाने की बात कही है। केंद्र सरकार ने राज्यों सरकारों को राज्यों को टीका लगाने के बारे में प्रशिक्षण देने और टीकों के भंडारण के लिए जरूरी होने पर शीतगृह उपकरणों की खरीद का काम शुरू करने को भी कहा है।
राज्यों को टीके के रखरखाव एवं टीकाकरण संबंधी गतिविधियों के बारे में प्रशिक्षण देने, मोबाइल ऐप आधारित निगरानी प्रणाली तैयार करने, नए शीतगृह उपकरणों को लगाए जाने वाली जगह की पहचान करने, अग्रिम मोर्चे पर तैनात स्वास्थ्य कर्मचारियों और 60 साल से अधिक उम्र वाले एवं पहले से बीमार लोगों का ब्योरा अद्यतन करने को भी कहा गया है। इन जानकारियों एवं तैयारियों से केंद्र को टीके के बेहतर क्रियान्वयन में मदद मिलेगी। सरकार ने यह तय किया है कि किसी भी व्यक्ति को कोविड-19 टीका देने के पहले निर्धारित टीकाकरण केंद्रों पर उसकी ऐंटीबॉडी जांच की जाएगी।