पशुपालन विभाग की ओर से विकासखण्ड ऊखीमठ के परकंडी गांव में पशु प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में चार वर्गों में पशुपालकों ने अपने पशुओं की प्रदर्शनी की, जिसमें 90 पशुपालकों की ओर से 125 पशुओं को प्रदर्शित किया गया।
परकंडी में ग्राम प्रधान प्रेमलता भट्ट की अध्यक्षता में आयोजित पशु प्रदर्शनी में मुख्य अतिथि क्षेत्र पंचायत सदस्य श्रीमती जसदेई देवी ने कहा कि पशु पालकों के उत्साहवर्द्धल को लेकर इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज के समय में ग्रामीण क्षेत्रों में भी पशुपालन से ग्रामीण दूर भागने लगे हैं।
समस्या इस बात की है कि ग्रामीण इलाकों में पशुओं में बीमारी होने पर समय से समाधान नहीं हो पाता है। साथ ही चारापत्ति की समस्या भी काफी बढ़ गयी है। जंगली जानवरों के आतंक से ग्रामीण जनता परेशान रहती है। जंगली जानवर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
सरकार को इस ओर गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है। उन्होंने पशुपालन विभाग के अधिकारियों से निवेदन किया कि क्षेत्र में समय-समय पर पशुओं की समस्याओं को लेकर शिविर लगाए जांय। पशु प्रदर्शनी में डॉ रमेश सिंह नितवाल ने पशुपालकों को नसलसुधार, पशुओं में कृमिनाशक दवाईयों का महत्त्व एवं चारे के संबंध में जानकारी दी।
इस दौरान आयोजित पशु प्रदर्शनी में चार वर्गों में आयोजित की गयी, जिसमें 90 पशुपालकों ने 125 पशुओं को प्रदर्शित किया। गाय वर्ग में उदयलाल की गाय प्रथम, श्रीमती गौरा देवी की गाय द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर श्रीमती आशा देवी की गाय रही।
भैंस वर्ग में अंजू देवी की भैंस प्रथम, संजना देवी की भैंस द्वितीय तथा संगीता की भैंस तृतीय रही। बैल जोड़ी में गोविंद लाल की बैल जोड़ी प्रथम, दिनेश लाल की बैल जोड़ी द्वितीय एवं सतीश की बैल जोड़ी तृतीय रही। बछिया वर्ग में गौरा देवी की हिफर प्रथम, शांता देवी की द्वितीय और गोकुल की हिफर तृतीय स्थान पर रही।
पशु प्रदर्शनी में डॉ राजीव गोयल एवं डॉ आर्शीदा खान ने जजिंग की भूमिका निभाई। इस अवसर पर ब्लाॅक प्रमुख प्रतिनिधि दिलवर सिंह रावत, नन्द लाल खुमरियाल, प्रदीप रावत, विक्रम सिंह असवाल, पशुधन प्रसार अधिकारी गोविंद सिंह, वीरपाल सहित कई मौजूद थे।
')}