केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी की तरफ से दायर दीवानी मानहानि मामले में कांग्रेस नेताओं जयराम रमेश, पवन खेड़ा और नेट्टा डिसूजा को शुक्रवार को समन जारी किया। मामला अवैध रूप से बार चलाने के आरोप से जुड़ा है। पवन खेड़ा ने आरोप लगाया था कि स्मृति ईरानी की बेटी गोवा में अवैध बार चला रही थी। इस बयान के चलते स्मृति ईरानी खेड़ा के खिलाफ कोर्ट गईं हैं।
केंद्रीय मंत्री ईरानी ने उनके और उनकी बेटी के खिलाफ कथित रूप से निराधार आरोप लगाने को लेकर दो करोड़ रुपये से अधिक के हर्जाने की मांग की है। जस्टिस मिनी पुष्कर्णा ने ईरानी और उनकी बेटी पर लगे आरोपों के संबंध में कांग्रेस नेताओं को सोशल मीडिया से ट्वीट, रीट्वीट, पोस्ट, वीडियो और तस्वीरें हटाने का भी निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि अगर प्रतिवादी 24 घंटे के भीतर उसके निर्देशों का पालन नहीं करते, तो सोशल मीडिया मंच ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब स्वयं इससे संबंधित सामग्री हटा दें।
कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की बेटी पर गोवा में ‘अवैध बार’ चलाने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ईरानी को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की थी। इसके बाद ईरानी ने यह कानूनी कार्रवाई की। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने 23 जुलाई को दस्तावेज के हवाले से दावा किया था कि आबकारी विभाग ने स्मृति ईरानी की बेटी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। उनकी बेटी पर गोवा के एक रेस्टोरेंट में फर्जी लाइसेंस पर शराब परोसने का आरोप लगा है। लेकिन अब जिस तरह से कांग्रेस नेताओं पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सभी वीडियो फोटो हटाने को कहा है उससे लग रहा है कि कांग्रेस एक बार फिर बैकफुट पर आ गई है।