उत्तराखंड में विश्वविख्यात चार धाम यात्रा की शुरुआत 10 मई से हो रही है। इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण का आंकड़ा 19,25,617 लाख तक पहुंच गया है। वहीं, 8 मई से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पर्यटन विभाग ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था भी शुरू होने जा रही है।
जिन श्रद्धालुओं ने यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण नहीं कराया है, वे 8 मई से हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑफलाइन पंजीकरण करवा सकते हैं। 10 मई से चार धाम यात्रा के तहत केदारनाथ धाम, गंगोत्री धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। वहीं, 12 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम की यात्रा पूरी तरह से शुरू हो जाएगी।
हरिद्वार में राही मोटल तथा और ऋषिकेश में यात्री पंजीकरण कार्यालय व ट्रांजिट कैंप में श्रद्धालु ऑफलाइन पंजीकरण करा सकते हैं। प्रत्येक धाम के लिए प्रतिदिन ऑफलाइन पंजीकरण की संख्या ऋषिकेश में 1000 और हरिद्वार में 500 निर्धारित की गई है। श्रद्धालु चारों धामों की यात्रा के लिए पंजीकरण काउंटरों पर अधिकतम तीन दिनों के लिए पंजीकरण करवा सकते हैं।
चार धाम के लिए 3 मई तक 19,25,617 पंजीकरण हुए हैं। इनमें केदारनाथ धाम के लिए 6,68,356, बदरीनाथ धाम 5,67,903, गंगोत्री धाम के लिए 3,47,061 और यमुनोत्री धाम के लिए 3,06,587 पंजीकरण ऑनलाइन माध्यम से हुए हैं। जबकि हेमकुंड साहिब के लिए 3,5,710 श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है।
तीर्थयात्रियों के पंजीकरण की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने चारों धामों में प्रतिदिन दर्शन की संख्या सीमित की है। इनमें केदारनाथ में 18,000, बदरीनाथ धाम में 20,000, गंगोत्री में 11,000 और यमुनोत्री धाम में 9,000 तीर्थयात्री प्रतिदिन दर्शन कर सकेंगे।