हर शनिवार का दिन गरीबो के लिए भोजन खिलाने का होता है इसलिए आज भी डॉ. चमोली ने 132 लोगो को खाना खिलाया। डॉ. चमोली का कहना है कि गरीब को दान करना व भूखे को खाना खिलाना ही भगवान की असली भक्ति है।
भगवान की भक्ति करने का सही तरीका यह है कि आप किसी को गलत नहीं बोलें न ही किसी का गलत करें। डॉ.चमोली जो की देहरादून, उत्तराखंड के रहने वाले हैं, मन में हमेशा दूसरों की मदद करने की सोच रहती है।
वैसे तो डॉ.चमोली अपने काम में बहुत ही ज्यादा व्यस्त रहते हैं फिर भी वह मानव सेवा को अपना धर्म मानते हैं, डॉ.चमोली का यह भी कहना हैं कि आप किसी का अच्छा सोचेंगे, किसी का भला करेंगे, उनकी सहायता करना ही, मैं भक्ति समझता हूं। लोग मंदिरों में पैसा व खाने का सामान चढ़ाते हैं। उनको भगवान खाने नहीं आते उसका मंदिरों के लोग ही प्रयोग करते हैं। वही खाना और पैसा अगर गरीबों को दिया जाए तो भगवान खुश होंगे आपको भी बहुत अच्छा लगेगा।
ईश्वर का असली स्थान हमारे मन में है। आज हरिद्वार में सुबह 10 बजे से 3 बजे तक खाना खिलाया गया। डॉ. चमोली की धर्म पत्नी स्वम् खाने को घर पर ही बनाती है, उनका पूरा सहयोग रहता है इस कार्य मे। डॉ. चमोली बताते है ये प्रेरणा उनके पिता से मिली। उनके पिता अक्सर गरीबो को अपने घर पर ले आते थे और उनकी सेवा किया करते थे। उनको देखते देखते आज डॉ. चमोली ने अपना मिशन बना दिया और सप्ताह में एक दिन इस काम के लिए चुना।
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