डॉक्टर्स को ऐसे ही भगवान का दर्जा इसलिए दिया गया है कि वो कई बार मौत के मुह से भी मरीज को वापिस जिन्दंगी में खींच लाते हैं। यहाँ भी बात मौत जैसा ही था एक महिला का एक हाथ ही शरीर से अलग हो गया, उत्तराखंड में हल्द्वानी के दिनेशपुर क्षेत्र की एक महिला का पापड बनाने वाली फैक्ट्री में आटा गूंथने वाली मशीन की सफाई के दौरान उसका हाथ मशीन पर आ गया और एक झटके में हाथ शरीर छिटक गया लेकिन अब उनका हाथ डॉक्टर्स ने वापिस जोड लिया है जानिए पूरा मामला-
दिनेशपुर क्षेत्र की रहने वाली महिला के लिए डॉक्टर्स भगवान बनाकर आये दरअसल बीते 14 सितम्बर को दिनेशपुर में रहने वाली महिला का हाथ मशीन में काम करते हुए पूरी तरह से क्षत विक्षत हो गया था। आनन फानन में परिजनों ने पीड़ित महिला को हल्द्वानी के कृष्णा अस्पताल में भर्ती करवाया।
जहाँ डॉ. प्रशांत मून के निर्देशन में डॉक्टरों की टीम ने करीब 11 घंटे की मशक्कत के बाद पीड़ित महिला का पूरी तरह से कटा हुआ हाथ जोड़ दिया। कुमाऊं में डाक्टरों द्वारा महिला के कटे हाथ का रीप्लान्टेशन करने का यह पहला मामला है।
दिनेपुर की रहने वाली उर्मिला राय उम्र 40 साल पापड़ बनाने के लिए आटा गूंथने वाली मशीन की सफाई के दौरान अपना हाथ कटवा बैठी अचानक हुए इस हादसे के बाद तेजी से रक्तश्राव होने लगा। आनन फानन में सहकर्मियों ने पीड़ित महिला को परिजनों की मदद से कृष्णा हॉस्पिटल में भर्ती करवाया। जहाँ डॉक्टर्स ने महिला के हाथ का रीप्लान्टेशन करने का फैसला लिया और 11 घंटे बाद उन्होंने महिला के हाथ को वापिस जोड़ दिया डॉक्टर्स के इस काम की हर जगह तारीफ़ हो रही है क्योंकि महिला की हाथ की प्रथम फोटोज दिल दहला देनी वाली थी
आपरेशन टीम में प्लास्टिक सर्जन डॉ. प्रशान्त मून के साथ क्रिटिकल केयर यूनिट के डॉ. संतोष, एनेस्थिसिया विभाग के डॉ. विक्रमजीत सिंह, नर्सिंग स्टाफ विनोद, रोहित, संजय, राहुल शामिल रहे। पूरी टीम ने जिस तरह से इस काम को कामयाबी के साथ अंजाम दिया वो एक मिसाल भी बना गया महिला का कहना है कि डॉक्टर्स उसके लिए भगवान् बनकर आये हैं। ')}