वरिष्ठ पत्रकार शीशपाल गुसाईं ने चार-धाम यात्रा के दौरान ऋषिकेश शहर में लगने वाले जाम को लेकर चिंता व्यक्त की है उन्होंने सरकार से शहर में एलिवेटेड रोड़ बनाने की मांग की है उन्होंने कहा कि ऋषिकेश नगर का इसे सौभाग्य समझिए कि यहां के जनप्रतिनिधि विधायक श्री प्रेमचंद अग्रवाल वर्तमान में प्रदेश सरकार में महत्वपूर्ण वित्त और शहरी विकास, आवास मंत्री हैं। श्री अग्रवाल को शहर के व्यापारियों की बेहतरी के लिए और यात्रियों की सुगमता के लिए भारत सरकार के राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी जी से एलिवेटेड रोड़ निर्माण की पहल करनी चाहिए। एलिवेटर रोड को ऋषिकेश डिग्री कॉलेज से मुनीकीरेती बाईपास तक प्रथम फेज में बनाई जानी चाहिए। इससे सभी वाहन चालकों का यात्रियों का ईधन बचेगा और लोकल वाहन नीचे चलेंगे। और यात्री वाहन एलिवेटेड रोड़ पर। इससे बहुत सुविधा होगी।
एलिवेटेड रोड़ क्यों बनाई जानी चाहिए इसपर उन्होंने कहा कि ऋषिकेश में इस वक्त दो प्रकार की तीर्थयात्री और सैलानी आ रहे हैं एक यात्री तो चार धाम यात्रा के लिए यहां से निकल रहा है दूसरा वीकेंड मनाने यहां सैलानी शुक्रवार को ही आ जा रहा है इससे शहर की सड़कों पर भारी भीड़ है तीर्थयात्री और सैलानी अब नगर की छोटी-छोटी सड़कों के बीच घूमने लगे हैं और रेंग रहे हैं और सड़कों का यह हालत है कि गाड़ी के पहिए तीन-चार दिन तो जाम की स्थिति में रहते हैं और 3 दिन थोड़ा-थोड़ा खिसकते हैं। ऋषिकेश के मोहल्ले वालों को यात्रियों की बढ़ती गाड़ियों से दिक्कत हो रही है।
जबकि उनके हिस्से में दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
दरअसल ऋषिकेश में निवास करने वाले आम आदमियों, परिवार को इन तीर्थयात्रियों और सैलानियों से कोई मतलब नहीं है। उन्हें तो सीजन में इनके कारण मुसीबतों का बोझ ढोना पड़ रहा है। यह जरूर है कि ऋषिकेश में बढ़ते तीर्थयात्रियों और सैलानियों से हमारे राज्य की वित्त व्यवस्था में वृद्धि हो रही है। इस शहर को जाम से निजात देने के लिए तमाम प्रकार के विशेषज्ञों के पास आइडिया में उसमें एक बेहतरीन आईडिया एलिवेटर रोड बनाई जानी अनिवार्य समझी जा रही है। एलिवेटेड रोड के बन जाने से व्यापारियों का रत्ती भर भी नुकसान नहीं होगा। बल्कि उनको शहर में ही सामान भेजने में सहूलियत रहेगी। ट्रांसपोर्टरों को भी बहुत सहूलियत होगी। गौरतलब है कि शनिवार और रविवार को ऋषिकेश के व्यापारी सामान भेज नहीं पाते हैं। क्योंकि यहां हजारों लाखों तीर्थयात्री और सैलानी ऋषिकेश की सड़कों , होटलों, धर्मशाला में रहते हैं। सड़कें जाम रहती हैं।
ऋषिकेश की 40-50 हजार आबादी के लिए जो सड़क डिजाइन थी वही आज भी वही सड़कें सन 2022 में मौजूद है। मुख्य सड़कों का आकार यदि बढ़ाया जाता है तो व्यापारियों का बहुत नुकसान होगा , इसलिए इसका एलिवेटेड ही विकल्प दिखता है। आप देखते होंगे देहरादून से नई दिल्ली के बीच में देवबंद में एनएचएआई ने 7 किलोमीटर का एलिवेटेड रोड बनाया हुआ है । इससे दिल्ली जाने आने वाले लोगों को सहूलियत तो हो ही रही है साथ में देवबंद के लोग भी खुश हैं । यहां पहले जाम की स्थिति रहती थी, क्या देवबंद जैसी एलिवेटेड ऋषिकेश में नहीं बन सकती। बन सकती है। बस इच्छा शक्ति की जरूरत है। यह शक्ति अग्रवाल जी को दिखानी है। उन्होंने थोड़ा भाग दौड़ करनी है। बड़े कामों में , बड़ी परियोजनाओं में कुछ अड़ंगे आते हैं कुछ मुश्किलें होती हैं लेकिन फिर सफलता भी मिलती है। आपके पास आवास जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय भी है वहां बड़े-बड़े योजनाकार मौजूद है उन योजना कारों को देहरादून से ऋषिकेश लाइए और इस शहर को जाम से मुक्त कराइए। यहां कुछ खाली जगह पर यात्रियों के लिए पार्किंग भी बनाई जा सकती है।
इतिहास में है कि, एक पूर्व चर्चित मुख्यमंत्री ने जानकीपुल का बहुत विरोध किया था । तर्क यह दिया गया था कि स्वर्ग आश्रम वाला क्षेत्र तहस-नहस हो जाएगा । उन मुख्यमंत्री जी ने एक पुल 10 किलोमीटर ऊपर गंगा नदी पर बड़े वाहनों के लिए बनाया भी। लेकिन जानकी पुल किसी का विकल्प नहीं बन सकता था। नरेंद्रनगर के विधायक और कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल की इच्छा शक्ति ही थी कि यह पुल उन्होंने बनाकर दिखाया।
हालांकि इसमें समय ज्यादा लगा। बीच में राष्ट्रपति शासन भी आया और फिर सत्ता भी लौटी, इसे राजनीतिक रूप से रोक दिया गया था। उनियाल पीछे नहीं हटे। उनके जीवन का यह सबसे बड़ा विकास होगा। मैं इसके उद्घाटन समारोह में था। अब तक करीब चार बार इस पर जा चुका हूं। राम झूला, लक्ष्मण झूला का बहुत बड़ा विकल्प है यहां जानकी सेतु। इसमें आने जाने के लिए अलग से दोपहिया वाहनों के ट्रैक दिए गए हैं और बीच में पैदल चलने वालों के लिए। नीचे गंगा के स्वरूप को देख कर सबका मन खिल उठता है यमकेश्वर और स्वर्गआश्रम तो अब टिहरी, ऋषिकेश, देहरादून, हरिद्वार जैसे और पास आ गए हैं।
ईश्वर ने ऋषिकेश को महान नदी गंगा जी को दिया है। योगनगरी यह है ही। यहाँ की 3 जगह की आरती भी प्रसिद्ध हैं। रिवर राफ्टिंग भी यहां बड़े कारोबार की शक़्ल ले चुका है। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेल करीब 18 हज़ार करोड़ का निर्माण इन दिनों चल रहा है। रेलवे स्टेशन बड़ा शानदार बन गया है। यहाँ से 12 हज़ार करोड़ की आलवेदर रोड़ का निर्माण 70 % हो गया है। रेलवे और आलवेदर प्रोजेक्ट्स के 1 लाख लोग इसी ऋषिकेश शहर पर सौदे पत्ते, खट्टी मीठी, घूमना निर्भर हैं। अखबारों की खबर के मुताबिक एक दिन में यहाँ 12 लाख लोग रुके। 12 लाख प्लस रेलवे आलवेदर के 1 लाख, स्थानीय 2 लाख, 15 लाख के लिए एलिवेटेड सड़क की जरूरत तो बनती है।