एक तरफ डिजिटल इंडिया की चर्चाएं चल रही हैं, वहीं कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहां आजादी के बाद से आज तक बिजली नहीं पहुंच पाई है। उत्तराखंड राज्य गठन के 17 साल और आजाद के 70 सालों के बाद भी एक ऐसा गांव है जहां आज तक भी बिजली नहीं पहुंची है ये गांव हर साल अँधेरे में अपनी दिवाली छिल्लों, और बोमबत्ती में सहारे ही मानते हैं।
उत्तराखंड के टिहरी जिले के प्रसिद विश्व विख्यात गांव और जिला मुख्यालय से 106 किलोमीटर की दूरी बसे गंगी गांव का हाल आज भी बेहाल है।इस गांव में चार साल पहले तत्कालीन सरकार ने बिजली के खम्बे खड़े किये थे। लेकिन वो लोग उन खम्बो पर तार लगाना भूल गए।
आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस गांव का 2016 में दौरा किया था, और जनता का विश्वास भी दिलाया था लेकिन आज तक वो विश्वास गांव वालों का कायम है खैर हरीश रावत जी 5 साल तक इन्हें बिजली नहीं दे सके।
अब जनता ने एक बार फिर बीजेपी पर विश्वास जताया है, दुर्भाग्य की बात तो देखिये, गंगी का ये हाल तब है जब देश के 8 राज्यों को बिजली से रोशन करने वाला टिहरी डैम इसी जिले में है।
चार साल में भी खम्बो पर तार नहीं लग सके इसका मतलब यह है कि इसे प्रशासन की एक बड़ी भूल कहा जा सकता है। एक साल के भीतर उरेडा ने ऊर्जा निगम और वन विभाग के साथ 3 बार सर्वे किया, लेकिन अभी तक मामला आगे नहीं बढ़ पाया।
एक अखबार में छपी खबर के मुताबित इस गांव के लोगों ने कई बार शासन से बिजली के गुहार लगाईं लेकिन आज तक उसपे अमल नहीं हो पाया है। गांव वालों की माने तो उन्हें तत्कालीन बीजेपी सरकार से काफी उम्मीदें हैं।
इस मामले में अधिकारीयों का कहना है कि उरेडा से काम हस्तांतरित होते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा। फिलहाल इस साल की दिवाली में तो अँधेरा ही नसीब में रहेगा। उम्मीद करते हैं इस साल गांव बिजली पहुच जाएगी। ')}