छह माह ग्रीष्मकालीन यात्रा के बाद अब शीतकाल के लिए विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने वाले हैं। दरअसल, पहाड़ों में बर्फ पिघलते ही चारधाम यात्रा का दौर शुरू हो जाता है। और पूरे देश से लाखों श्रद्धालु बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के दर्शन के लिए उमड़ते हैं।
वैसे तो 2001 से चार धाम यात्रा लगातार बढ़ रही है, लेकिन 2013 की आपदा के बाद अचानक ही चारधाम यात्रियों की संख्या में भारी गिरवट आ गई थी। इस बार 2014 की अपेक्षा गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में दस गुना अधिक का इजाफा हुआ है।
यात्रियों के बढ़ने से न सिर्फ धामों में रौनक लौटी बल्कि यहां के स्थानीय लोगों तथा व्यापारियों के चेहरों पर भी रौनक लौटी है तथा आने वाले यात्राकाल में चारधाम यात्रा के बेहतर चलने की उम्मीद लोगों में जगी है। हालांकि इस साल भी 2011 में पहुंचे रिकोर्ड़तोड़ यात्रियों की संख्या इस साल भी नहीं टूट सकी। उम्मीद है कि आगले साल यह रिकॉर्ड जरूर टूटेगा।
साल — गंगोत्री, यमुनोत्री
2001 — 131300, 120600
2002 — 141604, 130425
2003 — 167407, 144003
2004 — 211636, 178947
2005 — 233385, 177905
2006 — 275300, 222694
2007 — 310408, 244941
2008 — 316675, 310018
2009 — 363493, 310018
2010 — 380712, 334761
2011 — 484610, 480096
2012 — 445922, 422201
2013 — 206456, 238140
2014 — 59704, 38244
2015 — 160701, 123260
2016 — 287679, 160563
2017 — 410642, 397100
2018 — 477775, 393843
मौसम की मेहरबानी-
यात्रियों की बढ़ी संख्या के लिए काफी हद तक मौसम जिम्मेदार है। इस बार पिछले साल की अपेक्षा बारिश नहीं हुई। जिस कारण चारधाम यात्रा को जाने वाले मार्ग बाधित नहीं हुए।आपदा के बाद पटरी से उतरी चारधाम यात्रा में इस बार कुछ पटरी पर लौटी है। हालांकि यात्रियों के मन इस साल सड़क मार्ग को लेकर काफी भ्रम भी रहा। आपदा के बाद मौसम को लेकर भी लोग असमंजस में रहते हैं।
आज गंगोत्री तो कल यमुनोत्री धाम के कपाट होंगे बंद-
आज यानी 8 नवंबर को 12.30 बजे गंगोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए गए वहीं भैयादूज के पावन पर्व पर 9 नवंबर 1.30 को यमुनोत्री के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। ')}