केंद्र सरकार ने गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस जमशेद बुर्जोर पार्डीवाला की नियुक्ति संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है। दोनों को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में शपथ दिलाई जाएगी। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अगले सप्ताह दोनों के शपथ लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की कुल संख्या 34 हो जाएगी। बता दें कि वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट जजों के कुल स्वीकृत पद 34 हैं।
उत्तराखंड हाई कोर्ट में जज रहे तथा गुवाहाटी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रहे सुधांशु धूलिया सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त हुए हैं। वे उत्तराखंड उच्च न्यायालय से सुप्रीम कोर्ट जज बनने वाले दूसरे न्यायाधीश होंगे। जस्टिस धूलिया का जन्म 10 अगस्त, 1960 को लैंसडाउन, पौड़ी गढ़वाल के सुदूरवर्ती गांव मदनपुर में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून और इलाहाबाद में हुई, जिसके बाद वे सैनिक स्कूल, लखनऊ गए। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ग्रैजुएशन और कानून की डिग्री हासिल की। स्कूल और कॉलेज के दिनों में धूलिया बहस में बढ़-चढ़ कर भाग लेते थे।
जस्टिस धूलिया के दादा भैरव दत्त धूलिया एक स्वतंत्रता सेनानी थे और उन्हें ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में भाग लेने के लिए सात साल जेल की सजा सुनाई गई थी। जस्टिस धूलिया के दादा संस्कृत के विद्वान और आयुर्वेदाचार्य भी थे। उन्होंने अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ रिहा होने से पहले लगभग तीन साल जेल की सजा काटी थी। सुधांशु धूलिया साल 2004 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित हुए थे। इसके बाद उन्हें नवंबर 2008 में उत्तराखंड के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति मिली थी। गौहाटी उच्च न्यायालय (असम, मिजोरम, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश हाईकोर्ट) के मुख्य न्यायाधीश 10 जनवरी, 2021 को बने।