उत्तराखंड के एक नौजवान ने गूगल की एक वेबसाईट पर सिक्युरिटी टीम की गलती ढून्ढ निकाली, तो गूगल की सिक्योरिटी टीम ने उसे स्वीकार कर लिया और नौजवान को पुरस्कार के तौर पर डॉलर में इनाम भी दिया। उत्तराखंड के वो नौजावान हैं हल्द्वानी के विकास सिंह बिष्ट।
विकास विष्ट मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के मिर्थी में रहने वाले सामान्य परिवार से हैं। विकास के पिता चंदन सिंह बिष्ट धारचूला के जूनियर हाईस्कूल में शिक्षक हैं। विकास इंडियन साइबर डिफेंस एलाइंस संस्था के चीफ ऑपरेशन ऑपरेटर के तौर पर हल्द्वानी में वेब एप्लीकेशन सिक्योरिटी रिसर्च, एथिकल हैकर और ट्रेनर के रूप में काम कर रहे हैं।
गूगल में गलती निकलने वालों में वो कुल 980 आइटी एक्सपर्ट में 322वीं रैंक में सामिल हो गए हैं। गूगल ने अपने बगहंटर प्रोग्राम के भीतर वलनरेबिलिटी रिवार्ड प्रोग्राम के तहत हाल ऑफ फेम में विकास की प्रोफाइल डालकर प्रोत्साहित भी किया है।
विकास ने 14 नवंबर को गूगल के कैगिल डॉट कॉम नाम की वेबसाइट पर क्रापसाइट स्क्रिप्टिंग में गलती देखी थी। उसके बाद उन्होंने सिक्यूरिटी टीम को यह गलती भेजी। जिसे सिक्यूरिटी टीम ने स्वीकार किया उसे उसे तुरंत सुधार दिया। इस साल गूगल में गलती ढूँढने वालों में वो उत्तराखंड में पहले व्यक्ति हैं। गूगल ने विकास को भविष्य में सिक्यूरिटी टीम से जुड़ने के लिए भी आमत्रित किया है। ')}