उत्तरी-कश्मीर में बांदीपुर के गुरेज सेक्टर में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हमीर पोखरियाल अपने पूरे परिवार में सभी का चहेता था। वह बचपन से ही अपने से बड़ों, हम उम्र और बच्चों के साथ बेहद घुल-मिलकर रहता था। लेकिन आज उनके बीच उनका सबसे पसंदीदा साथी नहीं रहा। अब उसकी यादें ही हमेशा जहन में रहेंगी।
बुधवार साम जब शहीद का शव उनके आवास ऋषिकेश पहुंचा तो घर में कोहराम मच गया, मां बेटे को देख शव से लिपटक गई, हे भगवान तूने क्या दिन दिखाया। कोई मेरे लाल को जगाओ, वह सो रहा है, अभी मुस्करा उठेगा…., जिस बेटे के चेहरे पर हमेशा मैंने मुस्कान ही देखी आज मैं उसे इस चेतन शून्य स्थिति में कैसे देखूं।
हमीर तू हमें छोड़कर क्यों चला गया, अब पूजा का क्या होगा…, अन्वी की ख्वाहिशों को कौन पूरा करेगा… यह कहते-कहते शहीद हमीर पोखरियाल की मां राजकुमारी बेसुध हो गई।
सैनिक पिता किसी तरह कलेजे पर पत्थर रखकर ताबूत में तिरंगे से लिपटे बेटे के पास पहुंचे, मगर इसके बाद उनके भी हाथ कांपने लगे। पत्नी का फिर वही सवाल कि दुश्मन को कब मुंहतोड़ जबाव दोगे… पति का चेहरा देखकर वह भी मूर्छित होकर गिर पड़ीं। आसपास खड़े हजारों लोगों की आंख नम थी। मगर, शहादत को सलाम करते हुए एक बार फिर शहीद हमीर अमर रहे के नारों से आसमान गूंज उठा।
आज सुबह उनके आवास से रायफलमैन हमीर पोखरियाल की अंतिम यात्रा निकली, यात्रा में हजारों लोगों ने शहीद जवान हमीर अमर रहे के नारे लगाये। अंतिम यात्रा में कई हजार लोग शामिल हुए। उस क्षण का बयां करें तो लोगों के हाथों में तिरंगा लहरा रहा था। गम और गुस्सा यहां की फिजाओं में तैर रहे थ। नम आंखों से लोग शहीद जवान की एक झलक पाने को व्याकुल थे।
वहीं, उत्तरी-कश्मीर में बांदीपुर के गुरेज सेक्टर में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद मनदीप रावत का पार्थिव शरीर सेना के हेलीकॉप्टर से बुधवार शाम कोटद्वार पहुंच गया। आज उनका भी अंतिम संस्कार बड़े सम्मान के साथ होगा, हरियाणा के निवासी शहीद विक्रम सिंह जीत का शव भी सुबह उनके घर पहुंचा, शहीद विक्रमजीत की अंतिम यात्रा में जन सैलाब उमड़ पड़ा।
शहीदों को शत शत नमन… श्रधान्जली.. ')}