चमोली में आई आपदा में कल से अभी तक लगभग 202 लोगों के लापता होने की सूचना है। 19 के शव अलग अलग स्थानों से बरामद किए गए है। टनल और तपोवन के इलाकों में दलदल होने की वजह से रेस्क्यू में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन उत्तराखंड के एसडीआरएफ़ के जवान नदी के किनारों से दलदल में जाकर शवों को निकाल रहे हैं।

आज रतूड़ा सारी के करीब एक शव व बेला गाँव के करीब नदी किनारे एक शव बरामद हुआ। रेस्क्यू की खौफनाक तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं जिसमे दिख रहा है कि एसडीआरएफ के जवान कैसे जान की बाजी लगाकर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हैं।

श्रीनगर डेम जलभराव क्षेत्र में किनारों में बायनाकुलर की सहायता से सर्च ऑपरेशन चल रहा है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार मौके पर राहत एवं बचाव कार्य की खुद मोनिटरिंग कर रहे हैं।

उधर ऋषिगंगा-तपोवन में टनल में फंसे लोगों को बचाने के लिए सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, एसडीआरएफ के जवान जुटे हुए हैं। बड़े पैमाने पर बचाव कार्य जारी है।

A joint team of ITBP, Army, SDRF and NDRF has entered the Tapovan tunnel in Chamoli for recce: ITBP. #Uttarakhand pic.twitter.com/svqYtsbvob
— ANI (@ANI) February 8, 2021
बता दें कि रविवार को ऋषिगंगा घाटी में हिमखंड टूटने से अचानक भीषण बाढ़ आ गई जिसमे 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा और 480 मेगावाट तपोवन विष्णुगाड पनबिजली परियोजनाओं को भारी नुकसान हुआ है, 200 से अधिक लोग लापता हो गए।
रक्षा भू-सूचना विज्ञान अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. एलके सिन्हा ने बताया कि उनकी टीम ने ग्लेशियर का हवाई सर्वेक्षण किया है। चमोली में जहां यह घटना घटी देखा गया कि एक लटकता हुआ ग्लेशियर मुख्य ग्लेशियर से अलग हो गया होगा और संकरी घाटी में नीचे आ गया। उन्होंने बताया कि घाटी में इसने एक झील बनाई जो बाद में फट गई और नुकसान का कारण बनी। हमारे वैज्ञानिकों द्वारा डेटा का विस्तार से विश्लेषण किया जा रहा है और यदि आवश्यक हो, तो वे फिर से अधिक विवरण प्राप्त करने के लिए जाएंगे।