देहरादून : केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा गुरुवार को दून मेडिकल कॉलेज में पहली सरकारी कैथ लेब के साथ डिजिटल रेडियोग्राफी एवं मैमोग्राफी का शुभारंभ किया गया।
इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ अन्य क्षेत्रों में भी विकास के नए प्रतिमान स्थापित हो रहे है। प्रदेश में चारधाम यात्रा में समग्र देश के लोग यहां आते है। गंगा के इस प्रदेश के प्रति भी सबकी आस्था है।
उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा के लिये जिस तरह की स्वास्थ्य व्यवस्था भारत सरकार द्वारा की जाती है उसी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाओं एवं अन्य व्यवस्थायें चारधाम यात्रा के लिये भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों से की गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के विकास हेतु तेजी से कार्य किये जा रहे है। केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार के विकास कार्यों में हर संभव मदद की जायेगी।
इस दौरान पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया का दून चिकित्सालय में आईसीयू कॉम्प्लेक्स, कैथ लैब, डिजिटल रेडियोग्राफी और मैमोग्राफी के लोकार्पण से देहरादून को स्वास्थ्य के क्षेत्र में सौगात देने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर जीवन का मुख्य ध्येय होना चाहिए। यह हमारी संस्कृति मानती है।
इस दृष्टि से हमारी सरकार ने राज्य में ’’जन-स्वास्थ्य’’ के बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। आज देश प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और दिशा निर्देशन में अन्य क्षेत्रों की भांति स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी देश निरंतर आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई योजनाओं से लाभ सभी को मिला है। गरीब कल्याण अन्न योजना, आयुष्मान भारत योजना, राज्य में जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्ष 2022-23 में गर्भवती महिलाओं के कुल 92 प्रतिशत संस्थागत प्रसव हुए हैं, जबकि 90 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को निशुल्क दवाइयां, 98 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण सेवायें एवं 89 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को निशुल्क पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया गया है। इसके साथ ही राज्य के 9 जनपदों में 10 एस.एन.सी.यू. पूर्णतया क्रियाशील हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कुपोषण से ग्रसित बच्चों के इलाज हेतु वर्तमान में 2 पोषण पुनर्वास केन्द्रों की हरिद्वार एवं उधमसिंह नगर जनपदों में स्थापना की गयी है जिसमें आज तक 172 कुपोषित बच्चों का इलाज किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान के तहत निक्षय मित्र पंजीकरण अभियान में भारत के प्रथम 10 राज्यों की सूची में उत्तराखण्ड का दूसरा स्थान है। राज्य के सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता को बढायें जाने के दृष्टिगत You Quote We Pay योजना के अन्तर्गत प्रथम चरण में 14 विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की गयी है तथा द्वितीय चरण में 11 विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र दिये गये हैं। इसके साथ ही टेली मेडिसिन सुविधा के तहत e-sanjveeni OPD राज्य में संचालित की जा रही है जिसमें अब तक लगभग 50 लाख से अधिक लोगों को चिकित्सकीय परामर्श दिया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतवर्ष के प्रत्येक जिलों में एक-एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना किये जाने के प्रधानमंत्री मोदी के विजन के तहत केन्द्रीय वित्त पोषित योजना के अन्तर्गत प्रदेश में हरिद्वार, रूद्रपुर एवं पिथौरागढ़ में प्रस्तावित राजकीय मेडिकल कॉलेजों का निर्माण किया जा रहा है।
इसके साथ ही पूर्व से स्थापित राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रम में सीट क्षमता को 100 से 150 किये जाने हेतु कार्यवाही गतिमान है। उधमसिंहनगर जिले में एम्स ऋषिकेश के सैटेलाईट सेंटर का निर्माण, महिला स्वास्थ कार्यकर्ताओं तथा सामुदायिक स्वास्थ अधिकारियों की नियुक्ति, नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना तथा चिकित्सा की पढ़ाई को स्थानीय भाषाओं में संभव बनाने का प्रयास सहित अनेकों प्रयास किये जा रहे हैं।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 500 करोड़ तथा एम्स ऋषिकेश के सेटलाइट सेन्टर ऊधमसिंहनगर में स्थापना के लिए भी 500 करोड़ की स्वीकृति प्रदान करने का आश्वासन दिया है।
प्रदेश में 4 नर्सिंग कालेजों की भी सहमति केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा प्रदान की गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा चारधाम यात्रा में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में भी कैथ लैब की स्थापना की सहमति दी है। इससे यात्रियों के साथ स्थानीय जनता को सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास में देश के 10 राज्यों में शामिल हैं।