अगर आप भी लॉकडाउन के बाद बोर हो गए हैं पहाड़ों पर ट्रैकिंग का प्लान बना रहे हैं तो उत्तराखंड के पंवाली कांठा से खूबसूरत कोई जगह हो ही नहीं सकती। टिहरी गढ़वाल में भिलंगना रेंज में स्थित पंवाली कांठा इन दिनों बुग्याल, फूलों और जड़ी बूटियों की खुशबू से महक रहा है। बारिश और साफ़ आसमान को देखते हुए शरद ऋतु पंवाली काँठा ट्रेक पर जाने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त समय है लेकिन इस समय भी लोग हिमालय पर्वत और रंगीन जंगली फूलों से सजे हरे घास के बुग्याल देखने के लिए पंवाली पहुंच रहे है, जिसमें ज्यादातर लोग स्थानीय हैं लेकिन काफी देशी-विदेशी पर्यटक भी यहां आ रहे हैं।
गढ़वाल हिमालय में 11,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित यहां पहुंचने के लिए जिला मुख्यालय टिहरी से घुत्तू तक 90 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। इसके बाद 13 किमी का पैदल ट्रैक है। एक शानदार ट्रैकिंग स्थल होने के साथ पंवाली कांठा में एडवेंचर स्पोर्ट्स की अपार संभावनाएं हैं। दरअसल, खूबसूरत घास के मैदान यहाँ की खुबसुरती है। यहां पर सफेद रंग का ब्रह्मकमल खिलता है। फूलों की घाटी जैसा अनुभव यहां भी मिलेगा। सूर्यास्त देखने के लिए विशेषकर लोग यहाँ आते हैं वहीं, यदि आप भाग्यशाली हैं तो आपको यहां नीली भेड़, घोरल, हिमालयन भालू, वीज़ल और दुर्लभ कस्तूरी मृग जैसे जानवर भी देखने को मिलेंगे।
सच मानिए यहां आकर आपको स्वर्ग जैसी अनुभूति होगी। हरे-भरे बुग्याल, रंग-बिरंगे फूल और लबा-लब भरे पानी के ताल मन को मोह लेंगे। यहां आप वास्तविक गढ़वाल के जीवन को भी देख पाएंगे, ट्रेक में जगह-जगह आपको चरवाहे दिखाई देंगें। अगर आप अधिक ट्रैकिंग कर पाते हैं तो यहां से त्रिजुगीनारायण और केदारनाथ यात्रा भी जरूर करें, यह दोनों धार्मिक स्थल यहां से बहुत नजदीक पड़ते हैं।