उत्तराखंड राज्य में आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम लागू हो गया है, इसके तहत उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड, उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड और पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड में अन्य छह महीने की अवधि के लिए हड़ताल पर प्रतिबंध रहेगा। इसके साथ ही ऊर्जा मंत्री के आश्वासन पर माने कर्मचारियों ने हड़ताल स्थगित करने का ऐलान कर दिया है।
बता दें कि उत्तराखंड में तीनों ऊर्जा निगमों के कई कर्मचारी हड़ताल पर थे। सोमवार और मंगलवार को वार्ता के बाद भी जब कर्मचारी नहीं माने तो सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा लगा दिया। अपर सचिव भूपेश चंद्र तिवारी ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।
बता दें कि एसेंशियल सर्विसेज मेंटेनेंस एक्ट (ESMA), 1968 में भारत की संसद द्वारा अधिनियमित किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य उन वस्तुओं की निर्बाध गति को बनाए रखना है जो सामान्य नागरिक के सामान्य जीवन के लिए आवश्यक हैं। अगर किसी राज्य में किसी जरूरी डिपार्टमेंट के कर्मचारी हड़ताल पर चले जाते हैं और सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है और उनसे हड़ताल ख़त्म करने को कहती है और फिर भी वे हड़ताल ख़त्म नहीं करते हैं तो सरकार उनके खिलाफ ESMA के तहत कार्रवाही करती है।