उत्तराखंड की जेलों में कैद कैदियों के लिए खुशखबरी आ रही है, दरअसल, क्षमता से अधिक कैदियों को रखने के लिए जगह की कमी के चलते देवभूमि में अब छह जगह नई जेल खोलने की तैयारी है। चंपावत व पिथौरागढ़ में जेल बनाने का काम शुरू हो चुका है। उत्तरकाशी, बागेश्वर और ऊधमसिंह नगर में जमीन का चयन हो चुका है और रूद्रप्रयाग में भी भूमि चयन को अंतिम रूप दिया जाना शेष है।
आपको बता दें कि प्रदेश की अधिकांश जेलों में क्षमता से अधिक कैदी हैं। कहीं कहीं यह आंकड़ा क्षमता से चार गुना तक पहुंच रहा है। प्रदेश में अभी कुल 11 जेल हैं। इनमें नौ जिला जेल और दो उप जेल यानी उप कारागार हैं। इन सबकी क्षमता कुल मिलाकर 3420 हैं। यानी यहां इतने कैदी रखे जा सकते हैं। इसके सापेक्ष इन जेलों में 5814 कैदी बंद हैं।
सबसे अधिक बोझ देहरादून, हरिद्वार व हल्द्वानी की जेलों पर हैं। इन जेलों की बैरेक कैदियों के लिए छोटी पड़ रही हैं। लोकसभा चुनावों के चलते बीते माह तो इन जेलों में कैदियों की संख्या बहुत अधिक बढ़ गई थी। अभी कैदियों के लिए बैरेकों में पांव फैलाने को बमुश्किल जगह मिल पा रही है। जबकि आपको बता दें कि चमोली, पौड़ी और टिहरी जेल में क्षमता से कम कैदी हैं।
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