चम्पावत : लोहाघाट के लोगों दशकों से कोलिढेक झील(Kolidhek Lake) को बनाने का सपना अब पूरा हो गया है। कोलिढेक झील की कुछ तस्वीरें प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी रील्स के माध्यम से साझा की हैं। पहले से खूबसूरत इस झील की तस्वीरें अब मानों निखर कर सामने आई हैं। हालांकि झील की सुंदरता के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है तो अभी कह सकते हैं कि आने वाले दिनों में इस सुंदरता पर और भी चार चाँद लग सकते हैं। यह झील लगभग दो किलोमीटर लंबी ये झील 21 मीटर गहरी तो 80 मीटर चौड़ी है।
बताया जा रहा है कि यह झील पर्यटकों के लिए बड़े पिकनिक स्पॉट के रूप में भी विकसित की जा रही है। झील का आकर्षण पर्यटकों को खींच लाने का दम रखती है। वहीं देवदार के जंगलों से गिरी यह झील पर्यटकों को कश्मीर जैसा एहसास दिलाती है। जब इस jheel में खुलकर पर्यटन की गतिविधियां शुरू होंगी तो दूर-दूर के पर्यटक भी यहां खींचे चले आएंगे। इससे आप-पास के लोगों को रोजगार मिलेगा, नए व्यवस्यायों के लिए भी रास्ता खुलेगा। इतना ही नहीं इस झील के बनने से कोलीढेक झील बन जाने से लोहाघाट नगर पालिका समेत आसपास के गावों की एक बड़ी आबादी में होने वाली पानी की समस्या दूर हो जाएगी।
गौरतलब है कि इस झील का निर्माण कार्य 11 नवंबर 2018 को शुरू हुआ था। इस झील को नवंबर 2020 तक पूरा हो जाना था लेकिन देर से सही अब जाकर काम पूरा हो पाया है। दरअसल, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की ख्वाहिश चम्पावत जिले को पर्यटन का हब बनाने की है। इसके लिए लोहाघाट कोलिढेक नदी में 30 करोड़ की लागत आई है।
Kolidhek Lake कैसे पहुंचे-
हवाई मार्ग: Kolidhek Lake लोहाघाट का निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है। जो लगभग 175 किलोमीटर दूर स्थित है। हवाई अड्डे से, सीधे लोहाघाट पहुंचना है। एक बार जब आप लोहाघाट पहुँच जाते हैं, तो यहां से कोलीढेक झील के लिए कोई भी स्थानीय टेक्सी या गाड़ी ले सकते हैं।
ट्रेन से: लोहाघाट का निकटतम रेलवे स्टेशन टनकपुर रेलवे स्टेशन है, जो लगभग 70 किलोमीटर दूर है। रेलवे स्टेशन से, आप टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या लोहाघाट के लिए बस ले सकते हैं।
सड़क से: दिल्ली से हल्द्वानी या टनकपुर पहंचने के बाद आगे का रुट लोहाघाट पकड़ सकते हैं। यह भी समझ लीजिए कि लोहाघाट नैनीताल से लगभग 145 किलोमीटर दूर है।अल्मोडा से लगभग 95 किलोमीटर दूर है। लोहाघाट पहुंचने के बाद यह समझिये कि आप Kolidhek Lake तक भी पहुंच गए हैं।