Raibaar UttarakhandRaibaar UttarakhandRaibaar Uttarakhand
  • Home
  • Uttarakhand News
  • Cricket Uttarakhand
  • Health News
  • Jobs
  • Home
  • Uttarakhand News
  • उत्तराखंड पर्यटन
  • उत्तराखंड मौसम
  • चारधाम यात्रा
  • Cricket Uttarakhand
  • राष्ट्रीय समाचार
  • हिलीवुड समाचार
  • Health News
Reading: यहां गिरा था मां सती का धड़, बिना दर्शन के ही हो जाती है सारी मनोकामनाएं पूरी
Share
Font ResizerAa
Font ResizerAa
Raibaar UttarakhandRaibaar Uttarakhand
  • Home
  • Uttarakhand News
  • उत्तराखंड पर्यटन
  • चारधाम यात्रा
Search
  • Home
  • Uttarakhand News
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधम सिंह नगर
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • उत्तराखंड पर्यटन
  • उत्तराखंड मौसम
  • चारधाम यात्रा
  • Cricket Uttarakhand
  • राष्ट्रीय समाचार
  • हिलीवुड समाचार
  • Health News
Follow US
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Donate
©2017 Raibaar Uttarakhand News Network. All Rights Reserved.
Raibaar Uttarakhand > Home Default > उत्तराखंड संस्कृति > उत्तराखंड इतिहास > यहां गिरा था मां सती का धड़, बिना दर्शन के ही हो जाती है सारी मनोकामनाएं पूरी
उत्तराखंड इतिहास

यहां गिरा था मां सती का धड़, बिना दर्शन के ही हो जाती है सारी मनोकामनाएं पूरी

Last updated: June 5, 2020 3:32 pm
Debanand pant
Share
3 Min Read
Maa chandrabadni
SHARE

समूद्र तल से 2277 मीटर ऊंचाई पर मां चन्द्रबदनी मन्दिर माता के 52 शक्तिपीठों मे से ऐक है। मां भगवती का यह मन्दिर श्रीनगर टिहरी मोटर मार्ग पर है इस रास्ते के बीच मे चन्द्रकूट पर्वत है जिस पर्वत की चोटी पर मां भगवती का प्राचीन मन्दिर स्थापित है। यह मंदिर देवप्रयाग से सिर्फ 35 किलोमीटर ओर नरेन्द्रनगर से 109 किलोमीटर दूरी पर है।

एक बार राजा दक्ष  ने हरिद्वार(कनखल) में यज्ञ किया। दक्ष की पुत्री सती ने भगवान शंकर से  यज्ञ में जाने की इच्छा व्यक्त की लेकिन भगवान शंकर ने उन्हें वहां न जाने  का परामर्श दिया। मोहवश सती ने उनकी बात को न समझकर वहां चली गयी।

पिता के  घर में अपना और अपने पति का अपमान देखकर भाववेश में आकर उसने अग्नि कुंड  में गिरकर प्राण दे दिये। जब शिवजी को इस बात की सूचना प्राप्त हुई तो वे  स्वयं दक्ष की यज्ञशाला में गये और सती के शरीर को उठाकर आकाश मार्ग से  हिमालय की ओर चल पड़े। वे सती के वियोग से दुखी और क्रोधित हो गये जिससे  पृथ्वी कांपने लगी।

अनिष्ट की आशंका से भगवान विष्णु ने अपने चक्र से सती  के अंगों को छिन्न–भिन्न कर दिया। भगवान विष्णु के चक्र से कटकर सती के  अंग जहां–जहां गिरे वहां शक्तिपीठ स्थापित हुए। चन्द्रकूट पर्वत पर सती का धड़(बदन) पड़ा इसलिये यहां का नाम  चन्द्रबदनी पड़ा।

कहा जाता है कि यहां शिव भगवान ने सत्ती के विरह में व्याकुल होकर सत्ती का स्मरण किया था। जिसके बाद मां सत्ती ने भगवान शिव को चन्द्र रूप शीतल मुख में दर्शन दिए थे जिसके बाद शिव भगवान का का शोक दूर हो गया था। यहां माता की पूजा यंत्र के रूप में होती हैं।

चन्द्रकूट पर्वत पर जाते समय ऐसा लगता है मानो हम आसमान छूने जा रहे हो। पहाड़ पर सीधी चढ़ाई है तो कहीं पथरीले और घने बांज‚ बुरांस के जंगल हैं सुबह साम माता की पुजा अर्चना की जाती है। लाखों लोग दूर सूदूर से मां के दर्शनो के लिऐ आते हैं।

मां चन्द्रबदनी आस्था का अटूट चिन्ह मन्दिर है शदियों से लोगों ने माता के बदलते स्वरूप को देखा है जहां पहले बलि देकर माता को खुश करने प्रयत्न किया जाता था लेकिन आज यहां सात्विक विधि – विधान श्रीफल, छत्र, फल ओर पुष्प के द्धारा पूजा की जाती है। ')}

देवलगढ़: गढ़वाल साम्राज्य का एक खोया हुआ रत्न
श्रीनगर गढ़वाल: 286 वर्ष पुरानी राजधानी, अब उत्तराखंड के प्रमुख शहरों में एक
जानिऐं बांज उत्तराखंड का सबसे उपयोगी पौधा क्यों है ? जानिऐ कैसे लगाऐं बांज का पेड़
उत्तराखंड में वो गांव जहां देवी सीता ने गुजारे थे अपने आखिरी दिन जानिए
उत्तराखंड में इस जगह से जाता है स्वर्ग के लिए रास्ता, जानिए कैसे युधिष्ठिर यहां पहुंचे स्वर्ग
Share This Article
Facebook Whatsapp Whatsapp Copy Link
Previous Article सड़क मार्ग से गैरसैण पहुँचने वाले पहले मुख्यमंत्री बने त्रिवेन्द्र सिंह रावत, आल वेदर रोड का भी किया निरीक्षण
Next Article कांग्रेस ने संभाला हंगामे का मोर्चा, तो यूकेडी ने किया रास्ता जाम, क्या सरकार का पाएगी अपना काम?
Leave a Comment Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Stay Connected

218kFollowersLike
100FollowersFollow
200FollowersFollow
600SubscribersSubscribe
4.4kFollowersFollow

Latest News

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भाजपा प्रदेश कार्यालय देहरादून में आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल
Uttarakhand News
October 20, 2025
अब तक 26,000 से अधिक युवाओं को मिली सरकारी नौकरी — मुख्यमंत्री धामी बोले, पारदर्शिता हमारी पहचान
Uttarakhand News
October 18, 2025
दीपावली पर हाई अलर्ट मोड में स्वास्थ्य विभाग-मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर 24 घंटे सक्रिय रहेंगी सभी स्वास्थ्य सेवाएं
Uttarakhand News
October 17, 2025
दीपावली पर वाहनों में ओवरलोडिंग रोकने को परिवहन विभाग का विशेष चेकिंग अभियान
Uttarakhand News
October 17, 2025

खबरें आपके आस पास की

madho singh bhandari
उत्तराखंड इतिहास

माधो सिंह भंडारी के त्याग और स्वाभिमान को आज भी याद करता है मलेथा गॉंव

June 5, 2020
उत्तराखंड इतिहास

‘हे घांगु रमोला मैं जगह दियाला’ श्रीकृष्ण भगवान ने जब वीर भड़ घांगु रमोला से जगह मांगी

June 5, 2020
TEELU RAUTELI
उत्तराखंड इतिहास

विश्व की एकमात्र विरांगना जिसने 15 साल से 20 साल के बीच जीते 7 युद्ध, पढ़िये वीरगाथा..

June 5, 2020
उत्तराखंड इतिहासउत्तराखंड संस्कृति

उत्तराखंड के इतिहास से जुड़ी ये प्रेम कथा जब स्त्री ने किया पुरूष का हरण

June 5, 2020
teelu rauteli
उत्तराखंड इतिहास

विश्व की एकमात्र विरांगना जिसने 15 साल से 20 साल के बीच जीते 7 युद्ध, पढ़िये वीरगाथा..

June 5, 2020
temple
उत्तराखंड इतिहासउत्तराखंड पर्यटन

पुरातत्व विभाग ने तोड़कर पहले जैसे बनाए नौ देवल मंदिर समूह के छह झुके हुए मंदिर

June 5, 2020
Raibaar UttarakhandRaibaar Uttarakhand
Follow US
©2017 Raibaar Uttarakhand News Network. All Rights Reserved.
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Donate